Showing posts with label राजेश चेतन काव्य पुरस्कार. Show all posts
Showing posts with label राजेश चेतन काव्य पुरस्कार. Show all posts
Monday, August 10, 2015
राजेश चेतन काव्य पुरस्कार 2015 की घोषणा
वर्ष 2015 का ‘राजेश चेतन काव्य पुरस्कार’ लोकप्रिय कवियित्री डॉ लाज कौशल को दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा प्रांत के भिवानी ज़िले में जन्मे कवि राजेश चेतन जी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष ‘सांस्कृतिक मंच, भिवानी’ द्वारा प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष उक्त पुरस्कार उस कवि को दिया जाता है जिसका काव्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा हो। जो काव्य पाठ में समर्थ तथा समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित हो। इस पुरस्कार में सांस्कृतिक मंच की ओर से 11000 रुपये की राशि, प्रतीक चिन्ह, अभिनन्दन पत्र व दुशाला प्रदान किया जाता है। 2006 से अब तक कुल सात रचनाकारों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। सबसे पहला पुरस्कार मिला- युवा गीतकार डॉ. रमाकांत शर्मा को। 2007 में यह पुरस्कार लोकप्रिय गीतकार विपिन सुनेजा को दिया गया। 2008 में हास्य कवि योगेन्द्र मौद्गिल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया और 2009 में अरुण मित्तल अद्भुत को दिया गया। 2010 में श्याम वशिष्ठ 'शाहिद को दिया गया । 2011 श्रीमती ॠतु गोयल को दिया गया। 2012 में कवि श्री राजेंद्र कलकल को दिया गया। 2013 में कवि श्री जगवीर राठी को दिया गया। 2014 में कवि श्री अनिल अग्रवंशी को ने पुरस्कार को सुशोभित किया। ये सभी रचनाकार हिन्दी के प्रचार-प्रसार में वाचिक परम्परा को माध्यम बनाकर निरन्तर प्रयासरत हैं। इस वर्ष आगामी 8 अगस्त को पुरस्कार भिवानी में कवियित्री डॉ लाज कौशल जी को अर्पित किया जाएगा।
Tuesday, August 26, 2014
Thursday, August 14, 2014
Sunday, August 3, 2014
Friday, August 16, 2013
Saturday, August 10, 2013
Thursday, August 1, 2013
राजेश चेतन काव्य पुरस्कार 2013 की घोषणा
वर्ष 2013 का ‘राजेश चेतन काव्य पुरस्कार’ लोकप्रिय कवि श्री जगवीर राठी को दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा प्रांत के भिवानी ज़िले में जन्मे कवि राजेश चेतन जी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष ‘सांस्कृतिक मंच, भिवानी’ द्वारा प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष उक्त पुरस्कार उस कवि को दिया जाता है जिसका काव्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा हो। जो काव्य पाठ में समर्थ तथा समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित हो। इस पुरस्कार में सांस्कृतिक मंच की ओर से 11000 रुपये की राशि, प्रतीक चिन्ह, अभिनन्दन पत्र व दुशाला प्रदान किया जाता है। 2006 से अब तक कुल सात रचनाकारों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। सबसे पहला पुरस्कार मिला- युवा गीतकार डॉ. रमाकांत शर्मा को। 2007 में यह पुरस्कार लोकप्रिय गीतकार विपिन सुनेजा को दिया गया। 2008 में हास्य कवि योगेन्द्र मौद्गिल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया और 2009 में अरुण मित्तल अद्भुत को दिया गया। 2010 में श्याम वशिष्ठ 'शाहिद को दिया गया । 2011 श्रीमती ॠतु गोयल को दिया गया।2012 में कवि श्री राजेंद्र कलकल ने पुरस्कार को सुशोभित किया। ये सभी रचनाकार हिन्दी के प्रचार-प्रसार में वाचिक परम्परा को माध्यम बनाकर निरन्तर प्रयासरत हैं। इस वर्ष आगामी 8 अगस्त को पुरस्कार भिवानी में कवि श्री जगवीर राठी जी को अर्पित किया जाएगा।
जगबीर राठी का परिचय
Name : Dr. Jagbir Rathee
Father’s Name : Sh. Zile Singh
Rathee
Mother’s Name : Smt. Ompati
Rathee
Date of Birth : 1st
May, 1964
Address : 883/9, Prem Nagar, Jind
Official Address : Director Youth
Welfare, M.D. University, Rohtak
Academic Qualifications : M.A.(Eng.), MMC, Ph.D.
Achievements :
·
Approximately 300 awards
in various cultural events like
Music, Dance, Drama, Literary, Fine Arts
etc. at College, State and National level.
·
Released 35 Haryanvi
entertaining albums with comedy and folk music contents.
·
Writer and director in
various T.V. serials at DD National, G.TV, DD Metro, DD Hisar.
Written Books :
·
Chup Chap Chiri Ka Baap
·
Bidai Ke Geet
·
Maati Ka Chulha
·
Yudhvir (Noval)
Edited Books
·
Baje Bhagat
·
Pt. Jagan Nath Rachnawali
·
Perormed as establish Poet
of Haryana in approximately 800 Kav Sammelans all over India, USA, Pakistan
and Thailand.
Awards & Honours
Awards & Honours
S.No.
|
Date
& Year
|
Name
of Awards
|
Conferred
by
|
1.
|
14
Sept.,2000
|
Shikhar
Samman
|
Hindi Sahiyta Sansthan,
Rohtak
|
2.
|
-
|
Appreciation
letter
|
Arya Vidya Sabha, Gurukul
Kangri, Haridwar
|
3.
|
16
April, 2010
|
Saraswati
Award of Excellence
|
Royal Institute of
Management & Tech.
|
4.
|
-
|
Sadhna
Samman
|
Lion Club, Bhiwani
|
5.
|
2012
|
Haryanvi
Lok Rang Samman
|
Own theatre Group
|
6.
|
24
Feb. 2008
|
Kalamdansh
Samman
|
Panipat Sanskritik Manch
|
7.
|
-
|
Raghuvir Singh Sheoran
Samriti Sahitya Diwakar Samman
|
Hindi Sahitya Prerak
Sansthan, Jind
|
8.
|
7
May, 2012
|
Memorable Kavi Sammelan
|
Hindi Samay of Greater
NIAGARA Region, USA
|
9.
|
2
May, 2011
|
Appreciation letter
|
Navam Hindi Mahotsav,
New Jersy
|
10.
|
2008-09
|
Best Kavi Prize
|
Haryana Sahitya
Academy, Panchkula
|
11.
|
-
|
Kash Bhushan Alnkaran
|
Panipat Sanskritik Manch
|
12.
|
17
Feb.,2012
|
Sahitya
Shikhar Samman
|
GVM Girls College,
Sonepat
|
13.
|
2010
|
Pt.
Lakhmi Chand Samman
|
Haryana Sahitya
Academy
|
14.
|
29.10.2010
|
Citation
of Appreciation
|
Zonal
Youth Festival, Rao
Mohar Singh
College of Education, Gurgaon
|
15.
|
Haryana
Ratan
|
NIFA,
Karnal
|
|
16.
|
5.5.2013
|
Hasya
Samrat
|
Friends
Laughter Club, Sonepat
|
Saturday, August 4, 2012
राजेश चेतन काव्य पुरस्कार 2012 की घोषणा
वर्ष 2012 का ‘राजेश चेतन काव्य पुरस्कार’ लोकप्रिय कवि श्री राजेन्द्र कलकल को दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा प्रांत
के भिवानी ज़िले में जन्मे कवि राजेश चेतन जी के जन्मदिवस के अवसर पर
प्रतिवर्ष ‘सांस्कृतिक मंच, भिवानी’ द्वारा प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष
उक्त पुरस्कार उस कवि को दिया जाता है जिसका काव्य के क्षेत्र में
महत्वपूर्ण योगदान रहा हो। जो काव्य पाठ में समर्थ तथा समाज व राष्ट्र के
लिए समर्पित हो। इस पुरस्कार में सांस्कृतिक मंच की ओर से 5100 रुपये की
राशि, प्रतीक चिन्ह, अभिनन्दन पत्र व दुशाला प्रदान किया जाता है। 2006 से
अब तक कुल पाँच रचनाकारों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। सबसे पहला
पुरस्कार मिला- युवा गीतकार डॉ. रमाकांत शर्मा को। 2007 में यह पुरस्कार
लोकप्रिय गीतकार विपिन सुनेजा को दिया गया। 2008 में हास्य कवि योगेन्द्र
मौद्गिल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया और 2009 में अरुण मित्तल अद्भुत को दिया गया। 2010 में श्याम वशिष्ठ 'शाहिद को दिया गया । 2011 श्रीमती ॠतु गोयल ने
पुरस्कार को सुशोभित किया। ये सभी रचनाकार हिन्दी के प्रचार-प्रसार में
वाचिक परम्परा को माध्यम बनाकर निरन्तर प्रयासरत हैं। इस वर्ष आगामी 8
अगस्त को पुरस्कार भिवानी में श्री राजेन्द्र कलकल जी को अर्पित किया जाएगा।
राजेश चेतन काव्य पुरस्कार 2011 की घोषणा
वर्ष 2011 का ‘राजेश चेतन काव्य पुरस्कार’ लोकप्रिय कवियित्री श्रीमती ॠतु गोयल को दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा प्रांत
के भिवानी ज़िले में जन्मे कवि राजेश चेतन जी के जन्मदिवस के अवसर पर
प्रतिवर्ष ‘सांस्कृतिक मंच, भिवानी’ द्वारा प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष
उक्त पुरस्कार उस कवि को दिया जाता है जिसका काव्य के क्षेत्र में
महत्वपूर्ण योगदान रहा हो। जो काव्य पाठ में समर्थ तथा समाज व राष्ट्र के
लिए समर्पित हो। इस पुरस्कार में सांस्कृतिक मंच की ओर से 5100 रुपये की
राशि, प्रतीक चिन्ह, अभिनन्दन पत्र व दुशाला प्रदान किया जाता है। 2006 से
अब तक कुल पाँच रचनाकारों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। सबसे पहला
पुरस्कार मिला- युवा गीतकार डॉ. रमाकांत शर्मा को। 2007 में यह पुरस्कार
लोकप्रिय गीतकार विपिन सुनेजा को दिया गया। 2008 में हास्य कवि योगेन्द्र
मौद्गिल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया और 2009 में अरुण मित्तल अद्भुत को दिया गया। 2010 में श्याम वशिष्ठ 'शाहिद ने
पुरस्कार को सुशोभित किया। ये सभी रचनाकार हिन्दी के प्रचार-प्रसार में
वाचिक परम्परा को माध्यम बनाकर निरन्तर प्रयासरत हैं। इस वर्ष आगामी 8
अगस्त को पुरस्कार भिवानी में श्रीमती ॠतु गोयल जी को अर्पित किया जाएगा।
Friday, August 13, 2010
Poets highlight issues through poems, ghazals
Bhiwani, August 12
Ramendra Jakhu ‘Sahil’, a state government official and poet, was awarded with the Saraswati Samman, while Prof Shyam Vashishtha ‘Shahid’, a local young poet, received the Rajesh Chetan Kavya Puruskar at a programme held here recently.
Haryana financial commissioner and poet Ramendra Jakhu “Sahil” and Prof Shyam Vashistha “Shahid” receive the Saraswati Samman and the Rajesh Chetan Kavya Puruskar, respectively, from Rajya Sabha MP Shadi Lal Batra at a function in Bhiwani. Photo by the writer
Thursday, August 12, 2010
Monday, August 9, 2010
हिन्दी में किए जा रहे हैं अमेरिका में साफ्टवेयर तैयार
अजय सैनी, भिवानी : विदेशों में हिन्दी का प्रचलन निरंतर बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में तो हिन्दी के साफ्टवेयर भी तैयार किए जा रहे है, लेकिन भारत में राष्ट्र भाषा होने के बावजूद भी हिन्दी को अपेक्षित सम्मान नहीं मिल पा रहा। इसको लेकर दैनिक जागरण ने देश विदेशों के मंचों से हिन्दी कविताओं को यात्रा करवाने वाले सारथियों से बातचीत की। कवि राजेश जैन चेतन ने कहा कि भारत में शिक्षा रोजगार से जुड़ी हुई है। इसीलिए शिक्षण संस्थाओं में पहले कदम से ही बच्चों को अंग्रेजी भाषा सिखाई जाती है। अभिभावकों का एक ही प्रयास होता है कि बच्चा अच्छी अंग्रेजी बोले और पढ़ाई पूरी करते ही रोजगार ले ले। चेतन ने कहा कि जब तक हिन्दी को गौरव का विषय नहीं माना जाएगा, पूरा सम्मान नहीं मिल सकता, इसके लिए हमारी शिक्षण संस्थाएं, संस्कार व सरकारी नीतियां भी पूरी तरह दोषी है। हास्य कवि बागी चाचा ने कहा कि उन्हें तो हैरानी होती है, जब विदेशी जमी पर उनसे मिलने वाले लोग बड़ी शुद्ध हिन्दी बोलते है, उनका सीना गर्व से फूल जाता है। लेकिन मेरे अपने देश में राष्ट्र भाषा होने के बावजूद हिन्दी को वह सम्मान नहीं मिल रहा, जिसकी वह हकदार है। बागी चाचा ने कहा कि इसके लिए कोई ओर जिम्मेवार नहीं, हमारी व्यवस्था में खामिया है। जिस दिन राष्ट्र भाषा को लागू करने के लिए सरकार ठोस निर्णय ले लेगी, उस दिन हिन्दी को स्वयं ही अपेक्षित सम्मान मिल जाएगा। कवि अनिल गोयल ने कहा कि उन्हें तो कई मौकों पर उलझनों का सामना करना पड़ता है, जब यह कहा जाता है कि बच्चे अंग्रेजी तो फर्राटेदार बोल सकते है, लेकिन उन्हे हिन्दी सिखाने में दिक्कत आ रही है, ऐसा एक-दो नहीं अनेक शिक्षण संस्थाओं में सुनने को मिलता है, इससे तो स्पष्ट है कि हमारे संस्कारों में भी विकृति आई है, तभी तो हिन्दी की यह हालत है। कवि महेन्द्र अजनबी कहते है कि उन्हे इस बात का गर्व है कि हिन्दी को विदेशों में खुले दिल से अपनाया जा रहा है, लेकिन अपने ही देश में हिन्दी को पूरा मान सम्मान नहीं मिल रहा। अजनबी कहते है कि यदि हम अपने शिक्षकों व चिकित्सकों को प्रोत्साहित करे की वे अपना कार्य हिन्दी में करे तो कोई ताकत नहीं जो हिन्दी के सम्मान को ठेस पहुंचा सके। एक प्रयोग हुआ कि अंग्रेजी दवाओं के लेवल पर हिन्दी में भी दवा का नाम होगा। यह प्रयोग सफल रहा तो इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, तभी हिन्दी को सम्मान मिलेगा। कवयित्री रितु गोयल ने कहा कि हिन्दी के सम्मान के लिए हम सभी को सांझे प्रयास करने होंगे। हमें बच्चों को ऐसे संस्कार देने होंगे, ताकी वे अन्य भाषाओं को छोड़ राष्ट्र भाषा पर अधिक ध्यान दें। जब कदम से कदम मिलकर कारवां बढ़ेगा तो हिन्दी का मान सम्मान भी स्वत: ही बढ़ेगा। रितु कहती है कि अंग्रेजी को हमने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। भारतीयों की वास्तविक प्रतिष्ठा राष्ट्र भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर ही बढ़ सकती है। कवि प्रो. श्याम वशिष्ठ शाहीद से बातचीत की गई तो हमें अपनी शिक्षा के ढांचे में राष्ट्र भाषा के सम्मान को लेकर आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है। देश के अधिकांश विद्यालय, महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी का प्रयोग अधिक होता है और राष्ट्रभाषा हिन्दी की अनदेखी होती है। जब तक राष्ट्रभाषा हिन्दी को लेकर सरकार ठोस रणनीति नहीं बनाएगी, किसी प्रकार के दावे बेमानी है। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को बाल्यकाल से ही संस्कारों में हिन्दी सिखानी होगी तभी राष्ट्रभाषा का भविष्य उज्ज्वल होगा।
Sunday, August 8, 2010
अपने -अपने अंदाज में कवियों ने प्रस्तुत की रचनाएं
भिवानी, जागरण संवाददाता : रविवार को दिनोद गेट स्थित सूर्या बैैंक्वेट में सांस्कृतिक मंच द्वारा राज्य स्तरीय राजेश चेतन काव्य पुरस्कार व सरस्वती सम्मान देने के लिए कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। समारोह में राज्यसभा सदस्य शादीलाल बत्रा मुख्यातिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली के रमेश अग्रवाल ने की। समारोह का उदघाटन भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक शर्मा ने किया। इस अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी की निदेशक डा. मुक्ता मदान, रघुबीर सिंह अत्री, गणेश गुप्ता विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम में राजेश चेतन काव्य पुरस्कार भिवानी के शायर प्रो. श्याम वशिष्ठ शाहीद को दिया गया, जबकि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रामेन्द्र जाखू साहिल को सरस्वती सम्मान से नवाजा गया। सम्मान समारोह के बाद कवि सम्मेलन में अलग-अलग अंदाज में कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की और वर्तमान व्यवस्था पर जमकर कटाक्ष किए। किसी ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात की तो किसी ने अमेरिका व चीन को कमजोर बताया। कवि सम्मेलन की शुरूआत दिल्ली के कवि अनिल गोयल ने श्याम वंदना से की। वरिष्ठ कवि राजेश चेतन जैन ने अपनी कविता उसके बस की बात नही माध्यम से राजनेताओं, अमेरिका, पाकिस्तान, चीन पर निशाने साधे। उन्होंने इस कविता में राजनेताओं के चरित्र को भी लपेटा और वर्तमान व्यवस्था को बदलने का परामर्श भी दिया। हास्य कवि बागी चाचा ने वर्तमान परिवेश के परीक्षा ढर्रे पर जम कर कटाक्ष किए। उनकी रचना थी तोड़ दे अब जाति ओर धर्म की मचान को, भूल जा अभी तू गीता और पुराण को, बट चुकी है यह धरती आज टुकड़ों में बहुत, धर्म तू बना ने अपना पूरे आसमान को। दिल्ली के अनिल गोयल ने अपनी रचना की पंक्तियां गऊ माता को समर्पित की - एक गंगा है मां सबकी, मां धरती मां भवानी है, एक माता जन्म देती, मिली ये जिंदगानी है, खता ये हो रही कबसे एक गऊ मां को हम भूले नहीं है अहसास ये हमको, उसकी आंखों में पानी है। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे रामेन्द्र जाखू साहिल ने गजल कि लाइनें यूं पढ़ी- शर्मो हया के मोम की गुड़ियां पिघल गई, यूं देखते देखते दुनिया बदल गई। उनकी गजल की लाइनें थी- आपने ऐसा मसीहा देखा है क्या, जख्म देखकर पूछे दर्द होता है क्या। दिल्ली से आए हास्य कवि महेन्द्र अजनबी ने अपनी पंक्तियों से व्यवस्था को सहारा देने का प्रयास किया। एक शहर में एक शाम, मच रही थी भागमभाग, जैसे हो जंगल की आग, कोई किसी को कुछ न कहता, देखों यह कैसा था राग। श्याम वशिष्ठ शाहीद ने अपनी पंक्तियां यूं पढ़ी- रात में अंधकार पलता है, रोज सूरज मगर निकलता है, मुझ पे माता पिता की है रहमत, आसमां मेरे साथ चलता है। कवयित्री रितु गोयल ने अपनी कविता में मोबाइल व इंटरनेट पर कटाक्ष कर युवा वर्ग को समझाने का प्रयास किया। उनकी एक अन्य कविता में पिता की महिमा का जिक्र था। उन्होंने पिता को हिमालय व मोहल्ले की जुबान पर ताला व घर की छाया बताया। रितु की लाइनें थी- मन के मरूथल में भी अबकी बरसात हो, आग है हर तरफ प्यार की बात हो, भर सके रोशनी इस जहां में सदा, इस तरह की कोई चांदनी रात हो। कार्यक्रम संयोजक डा. बुद्धदेव आर्य ने अतिथियों का स्वागत किया व अध्यक्ष डा. वीबी दीक्षित महासचिव जगतनारायण ने आभार व्यक्त किया।
Wednesday, July 28, 2010
राजेश चेतन काव्य पुरस्कार 2010 की घोषणा
वर्ष 2010 का ‘राजेश चेतन काव्य पुरस्कार’ भिवानी के लोकप्रिय कवि श्री श्याम वशिष्ठ ‘शाहिद’ को दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा प्रांत के भिवानी ज़िले में जन्मे कवि राजेश चेतन जी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष ‘सांस्कृतिक मंच, भिवानी’ द्वारा प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष उक्त पुरस्कार उस कवि को दिया जाता है जिसका काव्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा हो। जो काव्य पाठ में समर्थ तथा समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित हो। इस पुरस्कार में सांस्कृतिक मंच की ओर से 5100 रुपये की राशि, प्रतीक चिन्ह, अभिनन्दन पत्र व दुशाला प्रदान किया जाता है। 2006 से अब तक कुल चार रचनाकारों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। सबसे पहला पुरस्कार मिला- युवा गीतकार डॉ. रमाकांत शर्मा को। 2007 में यह पुरस्कार लोकप्रिय गीतकार विपिन सुनेजा को दिया गया। 2008 में हास्य कवि योगेन्द्र मौद्गिल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया और 2009 में अरुण मित्तल अद्भुत ने पुरस्कार को सुशोभित किया। ये सभी रचनाकार हिन्दी के प्रचार-प्रसार में वाचिक परम्परा को माध्यम बनाकर निरन्तर प्रयासरत हैं। इस वर्ष आगामी 8 अगस्त को पुरस्कार भिवानी में श्री श्याम जी को अर्पित किया जाएगा।
श्याम वशिष्ठ ‘शाहिद’ का परिचय
24 फरवरी 1970 को भिवानी (हरियाणा) में जन्मे श्याम वशिष्ठ ‘शाहिद’ कॉमर्स से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में वे पीएच.डी.शोध में संलग्न हैं और बनवारी लाल जिन्दल सूईवाला महाविद्यालय, तोशाम में वाणिज्य विभाग में सहायक प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं।
सन् 1998 में आपका ग़ज़ल संग्रह ‘मेरे हिस्से का आसमान’ के नाम से प्रकाशित हुआ जिसे पाठकों से ख़ूब सराहना मिली। सन् 2004 में आपके काव्य-कर्म का कुछ अंश ‘मुखौटे’ नामक काव्य-संग्रह में संग्रहीत हुआ। इसके अतिरिक्त आपकी ग़ज़लें, कविताएँ और लघुकथाएँ भी समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पाठकों तक पहुँचती हैं। इतना ही नहीं आपने ‘चेतना’ और ‘कौन हूँ मैं’ के नाम से दो रेडियो नाटक भी लिखे, जो रोहतक आकाशवाणी से प्रसारित हुए।
आपकी साहित्यिक प्रतिभा के आधार पर लॉयन्स क्लब, भिवानी ने आपको ‘साधना सम्मान’ से सम्मानित किया। नटराज कलामंच ने आपको ‘साहित्य सेवी’ की उपाधि से विभूषित किया। इसके अतिरिक्त विविध साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं ने रंगमंच तथा साहित्य सृजन के लिए आपको सम्मानित किया है।
रंगमंच तथा संगीत आपके भीतर के कलाकार के महत्तवपूर्ण आयाम हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के युवा महोत्सवों तथा राष्ट्रीय युवा महोत्सव (1992) में आप सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में चिन्हित किए जा चुके हैं। तमाम कवि-सम्मेलनों तथा मुशायरों में आप निरंतर शिरक़त करते हैं। मेघदूत थिएटर ग्रुप (भिवानी) से आप सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त दो वर्ष तक आपने दूरदर्शन पर समाचार वाचन भी किया है। सन् 1991 से आप आकाशवाणी के नाटक, साहित्य, संगीत कार्यक्रमों में अनुबंधित कलाकार हैं।

24 फरवरी 1970 को भिवानी (हरियाणा) में जन्मे श्याम वशिष्ठ ‘शाहिद’ कॉमर्स से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में वे पीएच.डी.शोध में संलग्न हैं और बनवारी लाल जिन्दल सूईवाला महाविद्यालय, तोशाम में वाणिज्य विभाग में सहायक प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं।
सन् 1998 में आपका ग़ज़ल संग्रह ‘मेरे हिस्से का आसमान’ के नाम से प्रकाशित हुआ जिसे पाठकों से ख़ूब सराहना मिली। सन् 2004 में आपके काव्य-कर्म का कुछ अंश ‘मुखौटे’ नामक काव्य-संग्रह में संग्रहीत हुआ। इसके अतिरिक्त आपकी ग़ज़लें, कविताएँ और लघुकथाएँ भी समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पाठकों तक पहुँचती हैं। इतना ही नहीं आपने ‘चेतना’ और ‘कौन हूँ मैं’ के नाम से दो रेडियो नाटक भी लिखे, जो रोहतक आकाशवाणी से प्रसारित हुए।
आपकी साहित्यिक प्रतिभा के आधार पर लॉयन्स क्लब, भिवानी ने आपको ‘साधना सम्मान’ से सम्मानित किया। नटराज कलामंच ने आपको ‘साहित्य सेवी’ की उपाधि से विभूषित किया। इसके अतिरिक्त विविध साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं ने रंगमंच तथा साहित्य सृजन के लिए आपको सम्मानित किया है।
रंगमंच तथा संगीत आपके भीतर के कलाकार के महत्तवपूर्ण आयाम हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के युवा महोत्सवों तथा राष्ट्रीय युवा महोत्सव (1992) में आप सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में चिन्हित किए जा चुके हैं। तमाम कवि-सम्मेलनों तथा मुशायरों में आप निरंतर शिरक़त करते हैं। मेघदूत थिएटर ग्रुप (भिवानी) से आप सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त दो वर्ष तक आपने दूरदर्शन पर समाचार वाचन भी किया है। सन् 1991 से आप आकाशवाणी के नाटक, साहित्य, संगीत कार्यक्रमों में अनुबंधित कलाकार हैं।
Monday, October 26, 2009
कवि राजेश चेतन को आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा सम्मान

जैन विश्व भारती, लाडनूं के प्रांगण में युग प्रधान आचार्य श्री महाप्रज्ञ के सानिध्य में कवि राजेश चेतन को तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन के अवसर पर आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया वर्ष 2009 का ये पुरस्कार कवि राजेश चेतन व प्रो॰ धर्म चन्द जैन को संयुक्त रुप से दिया गया। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मर्यादा कुमार कोठारी व राष्ट्रीय महामंत्री श्री गौतम डागा ने ये सम्मान अर्पित किया। अपने आशीर्वचन में आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने कहा कि राजेश दिखने में फक्क्ड़ है परन्तु अपने कार्य के प्रति बहुत गम्भीर है। पुरस्कार में मिली पचास हजार रुपये की राशि राजेश चेतन व प्रो॰ धर्मचन्द ने तेरापंथ युवक परिषद को समाजिक कार्यो के लिये अर्पित कर दी।
Friday, July 10, 2009
युवा कवि अरुण मित्तल 'अदभुत' को चतुर्थ राजेश चेतन पुरस्कार
सांस्कृतिक मंच भिवानी ने निर्णय किया है कि वर्ष 2009 का राजेश चेतन काव्य पुरस्कार युवा कवि श्री अरुण मित्तल "अदभुत" को 8 अगस्त 2009 को भिवानी मे आयोजित कवि सम्मेलन के मंच पर दिया जायेगा। इससे पूर्व ये पुरस्कार श्री रमाकांत शर्मा, श्री विपिन सुनेजा और श्री योगेन्द्र मौदगिल्य को मिल चुका है ।
प्रस्तुत है अरुण मित्तल 'अदभुत' का परिचय -

नाम : श्री अरुण मित्तल "अदभुत"
जन्मस्थान : चरखी दादरी, जिला - भिवानी, हरियाणा
जन्मतिथि : 21-02-1985
शिक्षा : एम॰ बी॰ए॰एम॰फिल॰ पी जी डी आर एम॰पी॰एच॰डी॰ (शोधार्थी)।
प्रकाशित रचनायें :
विभिन्न पत्रिकाओं में 200 से अधिक कविताएं, गजलें, लेख,लघुकथाएं, कहानियां आदि प्रकाशित।
अंतरजाल पत्रिका रचनाकार, अनुभूति एवं सृजनगाथा, हिन्द युग्म में कविताएं अवं लेख प्रकाशित।
हिन्दी छंद एवं गज़ल व्याकरण में विशेष निपुणता मुख्यत: छंदबद्ध कविताओ का लेखन।
आकाशवाणी रोहतक एवं जैन टी वी, दिल्ली से काव्य पाठ।
अप्रकाशित महाकाव्य वीर बजरंगी का लेखन।
हिन्दी भवन,दिल्ली में दिशा फाउण्डेशन द्वारा विशेष रुप से युवा कवियों के लिए आयोजित कवि सम्मेलन'दस्तक नई पीढ़ी की' में काव्य पाथ।
सम्मान:
चरखी दादरी अग्रवाल सभा द्वारा अग्रकुल गौरव से सम्मानित।
लायंस क्लब भिवानी द्वारा साधना सम्मान।
मानव कल्याण संघ चरखी दादरी द्वारा साहित्य सेवी सम्मान्।
दिल्ली प्रेस द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित युवा कहानी प्रतियोगिता 2005 में कहानी गलतफहमी को द्वितीय पुरस्कार।
विभिन्न मंचीय प्रतियोगिताओं में लगभग 20 पुरस्कार।
स्थानीय गो्ष्ठियों से लेकर राष्ट्रीय हिन्दी काव्य मंचों से काव्य पाठ।
हिन्दी पद्य साहित्य में नारी विषय पर राष्ट्रीय अधिवेशन में शोध पत्र प्रस्तुत।
हिन्द-यु्ग्म द्वारा आयोजित यूनिकवि एवं यूनिपाठक प्रतियोगिता में फरवरी 2009 के यूनिपाठक सम्मान से सम्मानित।
सम्पर्क:
हरियाणा टिम्बर स्टोर
काठ मण्डी, जिला भिवानी
चरखी दादरी - 127306 (हरियाणा)
दूरभाष : 9896168261,9818057205
ईमेल - arunmittaladbhut@gmail.com
प्रस्तुत है अरुण मित्तल 'अदभुत' का परिचय -

नाम : श्री अरुण मित्तल "अदभुत"
जन्मस्थान : चरखी दादरी, जिला - भिवानी, हरियाणा
जन्मतिथि : 21-02-1985
शिक्षा : एम॰ बी॰ए॰एम॰फिल॰ पी जी डी आर एम॰पी॰एच॰डी॰ (शोधार्थी)।
प्रकाशित रचनायें :
विभिन्न पत्रिकाओं में 200 से अधिक कविताएं, गजलें, लेख,लघुकथाएं, कहानियां आदि प्रकाशित।
अंतरजाल पत्रिका रचनाकार, अनुभूति एवं सृजनगाथा, हिन्द युग्म में कविताएं अवं लेख प्रकाशित।
हिन्दी छंद एवं गज़ल व्याकरण में विशेष निपुणता मुख्यत: छंदबद्ध कविताओ का लेखन।
आकाशवाणी रोहतक एवं जैन टी वी, दिल्ली से काव्य पाठ।
अप्रकाशित महाकाव्य वीर बजरंगी का लेखन।
हिन्दी भवन,दिल्ली में दिशा फाउण्डेशन द्वारा विशेष रुप से युवा कवियों के लिए आयोजित कवि सम्मेलन'दस्तक नई पीढ़ी की' में काव्य पाथ।
सम्मान:
चरखी दादरी अग्रवाल सभा द्वारा अग्रकुल गौरव से सम्मानित।
लायंस क्लब भिवानी द्वारा साधना सम्मान।
मानव कल्याण संघ चरखी दादरी द्वारा साहित्य सेवी सम्मान्।
दिल्ली प्रेस द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित युवा कहानी प्रतियोगिता 2005 में कहानी गलतफहमी को द्वितीय पुरस्कार।
विभिन्न मंचीय प्रतियोगिताओं में लगभग 20 पुरस्कार।
स्थानीय गो्ष्ठियों से लेकर राष्ट्रीय हिन्दी काव्य मंचों से काव्य पाठ।
हिन्दी पद्य साहित्य में नारी विषय पर राष्ट्रीय अधिवेशन में शोध पत्र प्रस्तुत।
हिन्द-यु्ग्म द्वारा आयोजित यूनिकवि एवं यूनिपाठक प्रतियोगिता में फरवरी 2009 के यूनिपाठक सम्मान से सम्मानित।
सम्पर्क:
हरियाणा टिम्बर स्टोर
काठ मण्डी, जिला भिवानी
चरखी दादरी - 127306 (हरियाणा)
दूरभाष : 9896168261,9818057205
ईमेल - arunmittaladbhut@gmail.com
Friday, August 8, 2008
राजेश चेतन काव्य पुरस्कार-2008

सांस्कृतिक मञ्च भिवानी द्वारा युवा कवि श्री योगेन्द्र मौदगिल को वर्ष 2008 का राजेश चेतन काव्य पुरस्कार प्रदान किया गया। पिछले कई दिनों से शहर में लगातार बारिश चलने के कारण जन समुदाय भीषण संकट से गुजर रहा था, समारोह स्थल में तीन चार फुट तक पानी भरा हुआ था, तभी अचानक संस्था ने समारोह स्थल बदलने का निर्णय किया तथा स्थानीय बासिय भवन में एक विराट कवि सम्मेलन के साथ-साथ पुरस्कार समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जिसमें श्री चन्द्र त्रिखा, प्रताप फौजदार, यूसुफ भारद्वाज, मधुमोहिनी उपाध्याय, श्याम वशिष्ठ ने काव्य पाठ किया। युवा कवि श्री अरुण मित्तल अदभुत ने कवि सम्मेलन का सफल संचालन किया।
Monday, July 7, 2008
राजेश चेतन काव्य पुरस्कार-2008

सांस्कृतिक मंच भिवानी ने निर्णय किया है कि वर्ष 2008 का राजेश चेतन काव्य पुरस्कार लोकप्रिय कवि श्री योगेन्द्र मौदगिल को दिया जायेगा। प्रस्तुत है श्री योगेन्द्र मौदगिल का परिचय -
नाम : योगेन्द्र मौदगिल
पिता : श्री राम कुमार शर्मा
माता : श्रीमती बिमला शर्मा
सम्प्रति : स्व व्यवसाय
लेखन विधा : हास्य व्यंग्य में सच्छन्द कविता (दोहा, गज़ल, घनाक्षरी)
प्रकाशित स्वरचित पुस्तकें : हास्यमेव जयते, मंज़र मंज़र अंगारे, धूल म्हं लट्ठ, देश का क्या होगा, जमाना लुच्चों का
प्रकाशित संपादित पुस्तकें : हंगामा एक्सप्रेस, व्यंग्य भरे हंसगुल्ले, हास्य कवि दरबार, व्यंग्यमेव जयते, चर्चित व्यंग्य लघुकथाएं, सबरंग मुशायरा, नये दौर के चर्चित शेर, सबरंग व्यंग्य कथाएं, पढ़ते जाओ-हंसते जाओ
विशेष :
2008 में 'लोक-कवि' अलंकरण (पानीपत की संस्था सर्व ब्राह्मण सभा द्वारा)
2007 में 'पानीपत-रत्न' पुरस्कार (पानीपत की संस्था पानीपत सांस्कृतिक मंच द्वारा)
2007 में उदयभानु हंस कविता पुरस्कार (हिसार की संस्था साहित्य कला संगम द्वारा)
2006 में युगीन सम्मान (नोएडा की संस्था युगीन प्रकाशन द्वारा)
2004 में करील सम्मान (गीदम, दंतेवाड़ा, छतीसगढ़ की संस्था द्वारा)
2002 में कलमवीर सम्मान (बहादुरगढ़ की संस्था कलमवीर विचार मंच द्वारा)
2001 में गढ़गंगा शिखर समान (गाज़ियाबाद की शाखा संस्था अखिल भारतीय भाषा साहित्य परिषद् द्वारा)
इसके अतिरिक्त देशभर में अनेक संस्थाओं एवं क्लबों द्वारा सम्मानित
सब टी वी, जी टी वी, ई टी वी, एम एच वन, चैनल वन, इरा चैनल ई टी सी, जैन टी वी, सहारा चैनल, सिटी चैनल, नेशनल चैनल आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से नियमित कविता पाठ और हरियाणा की एकमात्र त्रैमासिक काव्य पत्रिका कमलदंश का छह वर्षों से निरन्तर प्रकाशन व संपादन।
सम्पर्क : 2393-94, न्यू हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, सेक्टर-12, पानीपत-132103 (हरियाणा)
दूरभाष : 9466202099, 9896202929, 01814021823, 9466306263
E Mail : ymoudgil@yahoo.com, ymoudgil@gmail.com
Subscribe to:
Posts (Atom)