
24 फरवरी 1970 को भिवानी (हरियाणा) में जन्मे श्याम वशिष्ठ ‘शाहिद’ कॉमर्स से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर चुके हैं। वर्तमान में वे पीएच.डी.शोध में संलग्न हैं और बनवारी लाल जिन्दल सूईवाला महाविद्यालय, तोशाम में वाणिज्य विभाग में सहायक प्रवक्ता के रूप में कार्यरत हैं।
सन् 1998 में आपका ग़ज़ल संग्रह ‘मेरे हिस्से का आसमान’ के नाम से प्रकाशित हुआ जिसे पाठकों से ख़ूब सराहना मिली। सन् 2004 में आपके काव्य-कर्म का कुछ अंश ‘मुखौटे’ नामक काव्य-संग्रह में संग्रहीत हुआ। इसके अतिरिक्त आपकी ग़ज़लें, कविताएँ और लघुकथाएँ भी समय-समय पर पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से पाठकों तक पहुँचती हैं। इतना ही नहीं आपने ‘चेतना’ और ‘कौन हूँ मैं’ के नाम से दो रेडियो नाटक भी लिखे, जो रोहतक आकाशवाणी से प्रसारित हुए।
आपकी साहित्यिक प्रतिभा के आधार पर लॉयन्स क्लब, भिवानी ने आपको ‘साधना सम्मान’ से सम्मानित किया। नटराज कलामंच ने आपको ‘साहित्य सेवी’ की उपाधि से विभूषित किया। इसके अतिरिक्त विविध साहित्यिक-सामाजिक संस्थाओं ने रंगमंच तथा साहित्य सृजन के लिए आपको सम्मानित किया है।
रंगमंच तथा संगीत आपके भीतर के कलाकार के महत्तवपूर्ण आयाम हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के युवा महोत्सवों तथा राष्ट्रीय युवा महोत्सव (1992) में आप सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में चिन्हित किए जा चुके हैं। तमाम कवि-सम्मेलनों तथा मुशायरों में आप निरंतर शिरक़त करते हैं। मेघदूत थिएटर ग्रुप (भिवानी) से आप सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। इसके अतिरिक्त दो वर्ष तक आपने दूरदर्शन पर समाचार वाचन भी किया है। सन् 1991 से आप आकाशवाणी के नाटक, साहित्य, संगीत कार्यक्रमों में अनुबंधित कलाकार हैं।
No comments:
Post a Comment