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Thursday, January 5, 2017

श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के 350 वें प्रकाश उत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।

एक से कटाने सवा लाख शत्रुओं के सिर
गुरु गोविन्द ने बनाया पंथ खालसा
पिता और पुत्र सब देश पे शहीद हुए
नहीं रही सुख साधनों की कभी लालसा
जोरावर फतेसिंह दीवारों में चुने गए
जग देखता रहा था क्रूरता का हादसा
चिड़ियों को बाज से लड़ा दिया था गुरुजी ने
मुगलों के सर पे जो छा गया था काल सा

श्री गुरु गोविन्द सिंह जी के 350 वें प्रकाश उत्सव की हार्दिक शुभकामनायें।
- राजेश चेतन

Sunday, December 26, 2010

बाहुबली जी महाराज

संभव कुमार बने बाहुबली जैन सन्त
जैन धर्म कीर्ति आपने बढ़ाई थी

पिता बलवंत और माता अक्का ताई जी ने
चार बहन चार भाई बगिया लगाई थी

मराठी हिन्दी संस्कृत अँग्रेज़ी गुजराती
और भाषा प्राकृत की नदियाँ बहाई थी

सिद्धान्त तीर्थ को मिला आपका आशीष प्रभु
कवियों ने आपकी आरती सुनाई थी

Sunday, July 13, 2008

खारा खारा

कृष्ण की बंसुरिया पे नर नार झुमते थे
नन्द जी का बेटा सबका दुलारा हो गया

घर छोड़ पति छोड़ और सन्तान छोड़
गोपियों का रोम रोम श्याम प्यारा हो गया

लोकलाज छोड़ कर श्याम संग रास किया
गोकुल का लाल सबका सहारा हो गया

कृष्ण के विरह में गोपियों के आसुंओ से
ब्रजभूमि सारा जल खारा खारा हो गया

Sunday, May 4, 2008

नमन 1857

साँस साँस देश पे चढाने वालों को नमन
आठारह सौ सतावन भूल नही पाते हैं
लक्ष्मी बाई तांत्या टोपे जफ़र की कुर्बानी
गली गली गाँव गाँव घूम घूम गाते हैं
देश के लिए जो तन मन धन वार गए
उन रण बाँकुरों पे वारी वारी जाते हैं
जिनकी शहादत से भारत आजाद हुआ
उन बलिदानियों को शीश हम झुकाते हैं

Monday, February 4, 2008

बापू को काव्यांजलि

बापू तेरे कारण ही भारत गरीब आज
दरिद्र नारायण की पूजा नहीं करते
पूजा के प्रभाव में ही भारत पिछड़ गया
क्योंकि खुशहाली से है लोग बड़ा डरते
चरखा चलाने से ना कोई धनवान हुआ
पेट ही तो भर पाता भूखे नहीं मरते
ये अमीर देश और जनता गरीब बापू
लोगों में कंगाली का भाव नहीं भरते

बापू को काव्यांजलि

गांधी तेरा नाम तो दुकान हो गया है बापू
कई गांधी आये और कई गांधी जा रहे
राजघाट जाते सब शीश भी झुकाते सब
बापू तेरी वंदना को सुबह शाम गा रहे
बंदना का ऐसा है प्रभाव तेरी जनता पे
नकली ये गांधी आज मान बड़ा पा रहे
जल्दी से आओ बापू हमको बचाओ बापू
गांधीवादी आज पूरे देश को ही खा रहे

बापू को काव्यांजलि

विदेशी वस्तुओं की होली आपने जलाई बापू
हमको विदेशी माल सबसे ही प्यारा है
चरखा भी भारत में घायल सा दीखता है
खादी हुई नेताओं के वोट का सहारा है
अंग्रेजी अंग्रेजी हर ओर अंग्रेजी
हिन्दी से तो कर लिया हमने किनारा है
गोडसे की गोली से मरा था गांधी का शरीर
गांधीवादियों ने गांधी आत्मा को मारा है

गुरु गोविन्द सिंह

एक से कटाने सवा लाख शत्रुओं के सिर
गुरु गोविन्द ने बनाया पंथ खालसा
पिता और पुत्र सब देश पे शहीद हुए
नहीं रही सुख साधनों की कभी लालसा
जोरावर फतेसिंह दीवारों में चुने गए
जग देखता रहा था क्रूरता का हादसा
चिड़ियों को बाज से लड़ा दिया था गुरुजी ने
मुगलों के सर पे जो छा गया था काल सा

Sunday, February 3, 2008

महाप्रज्ञ


पांव पांव चल चल सत्य का उजाला किया
गांव गांव गली गली शांति यज्ञ हो गये
प्राकृत और पाली वाले ग्रन्थों का संधान कर
बाल सन्त तेजोमयी स्वयं विज्ञ हो गये
प्रेक्षाध्यान विधि नव जीवन विज्ञान रचा
साधक सान्निध्य पा के सर्वज्ञ हो गये
गुरुवर तुलसी का मिला आशीष दिव्य
मुनिवर नथमल महाप्रज्ञ हो गये

अणुव्रत


छोटे छोटे नियमों से जीवन बदल गया
महावीर प्रभु जी का संदेश आया है
अणुव्रत आपका ये घर घर गूंज रहा
प्यार भरा गीत सारी दुनिया ने गाया है
त्याग तपस्या को देख जन जन बोल उठा
नया युग नया धर्म आपने चलाया है
शत शत नमन है गुरुवर तुलसी को
अणुबम युग में भी अणुव्रत छाया है

Saturday, February 2, 2008

जन्माष्टमी

जन्माष्टमी

जेल में जन्म लिया ताले सब खुल गये
द्वारपाल निद्रा विलाप करने लगे
बारिश तूफान वेग बढता ही जा रहा था
पानी में उतर वासुदेव डरने लगे
पांव छू के जमना ने रास्ता बनाया और
शेषनाग छाता बन साथ चलने लगे
नन्द के महल लाल छोड वासुदेव गये
यशोदा की गोद में हरि मचलने लगे

कृष्णा

कृष्णा

कान्हा तेरी बांसुरी ने किया है कमाल ऐसा
झूमते हैं नर नार झूमती है गैया
गोप-गोपियों के संग नाचत है लाल जब
मात यशोदा भी लेत उनकी बलैया
घर घर घूम घूम माखन चुराने वाला
बोल रहा है चोरी नही की है मेरी मैया
सारा ब्रज मण्डल भी झूम झूम बोलता है
धन धन धन धन दाऊ जी के भैया

कृष्णावतारी

कृष्णावतारी

गोकुल में गोपाल बरसाने नन्दलाल
वृन्दावन में तो आप रास बिहारी हैं
ग्वालों संग वन वन गाय को चराने वाले
प्रभु दीनानाथ मेरे आप बनवारी हैं
कंस पूतना का वध काली सिर नृत्य किया
लीलायें रचाने वाले आप लीलाधारी हैं
महाभारत का युद्ध भूमि हुई लाल लाल
जन जन बोल उठा आप अवतारी हैं

मुनि मायाराम जी

मुनि मायाराम जी

जोतराम - शोभा घर ग्राम बड़ोदा घर
हरियाणा प्रान्त जन्म आप स्वाभिमानी थे
आँखों में चमक और वाणी में मधुर भाव
जिनवाणी साधना में आप बड़े ज्ञानी थे
चरणों में झुकते ही मन फूल खिल उठे
गुरुवर सच में ही आप बड़े ध्यानी थे
मुनि मायाराम जी को वन्दन नमन मे
रात्याग तप संयम की अजब कहानी थे

भगत सिंह

भगत सिंह

खेत खेत बन्दूकों की खेती करने की ठानी
आजादी का मंत्र सारे भारत में बो गया
एसेम्बली में बम फेंक इंकलाब बोल उठा
रंग दे बसन्ती गीत गाते गाते सो गया
गांधी जी की बकरी की रस्सी तो दिखाई गई
भगत की फांसी वाला फंदा कही खो गया
आजादी के दीवाने को पावन नमन मेरा
बलिदानी कहानी भगत सिंह हो गया

Monday, January 14, 2008

भक्ताम्बर जी


आचार्य मानतुंग का जो मान रखा आदीप्रभु
प्रार्थना ये करता हूं आपके चरण में
सत्य का पुजारी रहूं दीजिए आशीष मुझे
घूमता रहूं मैं चाहे नगर या वन में
भक्ताम्बर जी की रचना हुई तो देखो
ताले खुल खुल गिरे इक इक क्षण में
आपकी ये वन्दना का पाठ करूं रोज रोज
लीजिए मुझे भी प्रभु अपनी शरण में