Sunday, July 13, 2008

खारा खारा

कृष्ण की बंसुरिया पे नर नार झुमते थे
नन्द जी का बेटा सबका दुलारा हो गया

घर छोड़ पति छोड़ और सन्तान छोड़
गोपियों का रोम रोम श्याम प्यारा हो गया

लोकलाज छोड़ कर श्याम संग रास किया
गोकुल का लाल सबका सहारा हो गया

कृष्ण के विरह में गोपियों के आसुंओ से
ब्रजभूमि सारा जल खारा खारा हो गया

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