Saturday, February 2, 2008

कृष्णावतारी

कृष्णावतारी

गोकुल में गोपाल बरसाने नन्दलाल
वृन्दावन में तो आप रास बिहारी हैं
ग्वालों संग वन वन गाय को चराने वाले
प्रभु दीनानाथ मेरे आप बनवारी हैं
कंस पूतना का वध काली सिर नृत्य किया
लीलायें रचाने वाले आप लीलाधारी हैं
महाभारत का युद्ध भूमि हुई लाल लाल
जन जन बोल उठा आप अवतारी हैं

No comments: