कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
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Sunday, February 3, 2008
महाप्रज्ञ
पांव पांव चल चल सत्य का उजाला किया गांव गांव गली गली शांति यज्ञ हो गये प्राकृत और पाली वाले ग्रन्थों का संधान कर बाल सन्त तेजोमयी स्वयं विज्ञ हो गये प्रेक्षाध्यान विधि नव जीवन विज्ञान रचा साधक सान्निध्य पा के सर्वज्ञ हो गये गुरुवर तुलसी का मिला आशीष दिव्य मुनिवर नथमल महाप्रज्ञ हो गये
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