अदभुद और अतुल्य नज़ारा काशी में
माँ गंगा की पावन धारा काशी में
'गंगा का बेटा' जब गंगा में उतरा
दिव्य हो गया पुण्य किनारा काशी में
शिल्पकार के संग में भोजन-परसादी
श्रमिकों का भी जय-जयकारा काशी में
विधि-विधान से विश्वनाथ पूजा-अर्चन
हर-हर, बम-बम गूँजा नारा काशी में
रात में राजा गली-गली में जब घूमा
चमका नव्य-विकास सितारा काशी में
साधु-संत और भक्तों की भक्ति न्यारी
डम-डम डमरू का गुंजारा काशी में
'औरंगजेबों' का प्रत्युत्तर 'वीर शिवा'
इस विचार ने तोड़ी कारा काशी में
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