Thursday, May 27, 2021

हर सप्ताह 21.0

 खालिस्तानी हुई किसानी, लाल किला शर्मिन्दा है
राष्ट्र हो रहा पानी-पानी, लाल किला शर्मिन्दा है

ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की सड़कों पर तांडव खूब किया
माओवादियों की मनमानी, लाल किला शर्मिन्दा है

गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने का वादा करके आये
तलवारें फिर हम पर तानी, लाल किला शर्मिन्दा है

किसान के कंधे चढ़े और मिल पगड़ी का अपमान किया
भीतर से हैं पाकिस्तानी, लाल किला शर्मिन्दा है

न्याय व्यवस्था तक पर जिनको थोड़ा भी विश्वास नहीं
केवल बर्बादी की ठानी, लाल किला शर्मिन्दा है

आंदोलन का नाम लिया और सड़क बंद करके बैठे
शाहीन-बागी लगे कहानी, लाल किला शर्मिन्दा है

दारू, मुर्गा, नशा, भांगड़ा आलीशानी टेंट लगे
दुखी है सच्चा हिंदुस्तानी, लाल किला शर्मिन्दा है

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