Tuesday, October 5, 2010

कवि सम्मेलन में राजनेताओं पर छोड़े व्यंगवाण


भिवानी, जागरण संवाददाता : रविवार रात महाराजा अग्रसैन जयंती के उपलक्ष्य में नई अनाज मंडी स्थित प्रांगण में श्री अग्रवाल सभा द्वारा राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में देश कोने-कोने से आए रचनाकारों ने देश की सुरक्षा को लेकर जहां प्रश्न उठाए वहीं एकता व अखंडता को मजबूत बनाने का आह्वान किया। कवियों ने राजनेताओं को भी अपने तीखे व्यंगवाणों का निशाना बनाया। कवि सम्मेलन में अयोध्या मामला व राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन भी खूब चर्चित रहा। कवियों ने सम्मेलन को ऊंचाई प्रदान की लेकिन कार्यक्रम के बीच में ही डेढ़ बजे एकाएक बिजली गायब होने से मजा किरकिरा हो गया। आयोजकों द्वारा बिजली के लिए स्थापित किए गए जरनेटर का तेल खत्म हो गया। दिल्ली के राजेश चेतन ने अपनी रचना इस अंदाज में पढ़ी बात-बात में बात बनाना, उनके बस की बात नहीं। घर के लोगों को समझाना उनके बस की बात नहीं। खेल शुरू होने से पहले कलमाड़ी जी खेल गए, अब उनको आउट कर पाना उनके बस की बात नहीं। गजेन्द्र सोलंकी ने अपनी कविता इस अंदाज में पढ़ी जुग-जुग से कल-कल कर कहता गंगा जमुना का पानी है, हो जाति पंथ सब मले अलग, पर खून तो हिन्दुस्तानी है। डा. सुनील जोगी ने अपनी रचना के अंशों में राजनीति पर प्रहार किया। स्कूलों को लग गया जाने किसका शाप, शिक्षा मंत्री बन गया एक अंगूठा छाप। हास्य कवि यूसुफ भारद्वाज ने व्यवस्था की पोल यूं खोली। उन्होंने कहा शरीर में बल का, प्यास में जल का, समय में पल का आज नहीं कल का और भाई भैंस के लिए खल का मजा ही कुछ ओर है। हास्य कवि अनिल गोयल ने भी अपनी रचनाओं से खूब समां बांधा। राम सेतु पर उनकी रचना थी। वो जिनके नाम से भी तैरते पत्थर समुंदर में, उन्हें थे ढुंढते फिरते यहां दुनिया के मंदिर में, तुम्हे मिल जाएगा प्रमाण जो भी देखना चाहों, भक्त हनुमान जैसा बन कर देखों मन के मंदिर में। मेरठ के सौरभ जैन ने अपनी रचना इस अंदाज में पढ़ी। बंद करो ये नाटक अब सत्ता की मातम पुर्सी के, राम नहीं मोहताज किसी भी सिंहासन और कुर्सी के। हाथरस से आए पद्म अलवेला ने कवि सम्मेलन की शुरूआत की और उपस्थित जनों को खूब गुदगुदाया। मेरठ से आई कवियत्री अनामिका अंबर ने अपनी रचना इस अंदाज में पढ़ी। शाम भी खास है वक्त भी खास है, मुझको एहसास है तुझको एहसास है, इससे ज्यादा मुझे ओर क्या चाहिए, मैं तेरे पास हूं तू मेरे पास है। प्रो. श्याम वशिष्ठ ने अपनी पंक्तियां इस अंदाज में सुनाई। हो रहे है काम कुछ बेजोड़ तेरे शहर में, खून पीने की लगी है होड़ तेरे शहर में, कत्ल करके भी हमें जिंदा बताया जाएगा, जब लगेंगे आंकड़ों के जोड़ तेरे शहर में। कवि सम्मेलन में समस्त भारतीय पार्टी की सह राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलम अग्रवाल मुख्यातिथि थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक घनश्याम सर्राफ ने की। इस अवसर पर पवन बुवानीवाला, संदीप सिंह तंवर, अशोक बुवानीवाला, सिविल सर्जन शिवकुमार व कांफेड के चेयरमैन बजरंग दास गर्ग उपस्थित थे। श्री अग्रवाल सभा के प्रधान विजय बंसल टैनी ने अतिथियों का स्वागत किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सभा द्वारा सम्मानित किया गया।