मनमोहन संग सोनिया कैसा खेला खेल।
महंगी हो गई गैस और महंगा हो गया तेल॥
महंगा हो गया तेल ट्रक ना चल पायेगा।
महंगाई का ग्राफ और भी बढ़ जायेगा॥
चूल्हा ठण्डा और जुबां पर अब है गाली।
आन्दोलन मे कूद पड़ी अपनी घर वाली॥
कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें https://twitter.com/rajeshchetan http://kavitakosh.org/kk/राजेश_चेतन
1 comment:
वाह नून तेल लकड़ी
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