
सच्चे स्वाभिमानी दिनकर
राष्ट्रधर्म की वाणी दिनकर
भारत माँ की हर इक पीड़ा
गाते फिरे जुबानी दिनकर
राजनीति के संघर्षों में
हार कभी ना मानी दिनकर
इतने निष्छल, इतने पावन
ज्यों गंगा का पानी दिनकर
छह दशकों के कुल जीवन में
रच गए अमर कहानी दिनकर
कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें https://twitter.com/rajeshchetan http://kavitakosh.org/kk/राजेश_चेतन
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