
हिन्दी यू.एस.ए. द्वारा अमेरिका के न्यू जर्सी राज्य के सोमरसेट नगर में फ्रेंक्लिन हाई स्कूल के सभागार में दो दिवसीय सप्तम हिन्दी महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। आयोजन के पहले दिन लगभग 650 बालकों ने हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। 1200 क्षमता का फ्रेंक्लिन हाई स्कूल का सभागार जन समुदाय से भरा हुआ था। नृत्य, संगीत, अंताक्षरी, कविता पाठ, वाक्य में प्रयोग, हनुमान चालीसा तथा रामायण चोपाई गायन इस प्रकार की अन्य-अन्य प्रतियोगिताएँ देखकर दर्शक दाँतों तले उंगली दबाने को विवश थे। हिन्दी यू.एस.ए. संस्था अमेरिका के न्यू जर्सी राज्य के अलावा अमेरिका के अन्य प्रांतों तथा कनाडा में भी हिन्दी के लगभग 25 विद्यालय चला रही है। इन विद्यालयों में लगभग 1200 बालक – बालिकाएँ साप्ताहिक कक्षा में आकर हिन्दी सीखते हैं और वर्ष में एक बार आयोजित हिन्दी महोत्सव में आकर अपनी प्रतिभा का मंचन करते हैं। इन कक्षाओं की एक और विशेषता का उल्लेख करना ज़रूरी है कि इन कक्षाओं में दक्षिण भारतीय राज्यों के बालक-बालिका भी उत्साह से भाग लेते हैं। अभी तक समपन्न 6 हिन्दी महोत्सवों में भारत से बाबा रामदेव, श्रीमती किरण बेदी, श्री वेद प्रताप वैदिक, साध्वी ऋतम्भरा, श्री नितिश भारद्वाज और लाफ्टर चैम्पियन राजू श्रीवस्तव अतिथि के रूप में आ चुके हैं। इसी प्रकार भारत के हिन्दी लोकप्रिय कवि श्री अशोक चक्रधर, हुल्लड़ मुरादाबाद, माणिक वर्मा, ओम व्यास, गजेन्द्र सोलंकी काव्य पाठ कर चुके हैं।


मेले का दूसरा दिन विजेता बालकों को प्रवासी उद्योगपति श्री ब्रह्मरत्तन अग्रवाल और पूर्व एम्बेसेडर एट-लार्ज श्री भीष्म अग्निहोत्री द्वारा पुरस्कार वितरण से आरंभ हुआ। इस अनुष्ठान में लगभग 120 से अधिक हिन्दी के अध्यापक-अध्यापिकाएँ जुड़े हैं। इन सब का सम्मान किया गया। प्रसन्नता की बात है कि इन में से बहुत से अध्यापक-अध्यापिकाएँ दक्षिण भारतीय राज्यों से भी आते हैं। हिन्दी यू.एस.ए. संस्था की एक और विशेषता का उल्लेख करना जरूरी है कि इस संस्था में कोई पद नहीं है, सभी स्वयंसेवक के रूप में ही कार्य करते हैं। लगभग 50 स्वयंसेवक दिन-रात मेहनत कर के इस आयोजन को सफल करते हैं। स्वयंसेवकों की मेहनत का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब सम्मान हेतु उनका नाम मंच से पुकारा गया, तो व्यवस्था में व्यस्त रहने के कारण, कोई भी स्वयंसेवक मंच पर उपस्थित ना हो पाया। इस अवसर पर श्री भूपेन्द्र मौर्य द्वारा सम्पादित “कर्मभूमि” नामक त्रैमासिक पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया। हिन्दी यू. एस. ए. की यह ई-पत्रिका हिन्दी जगत में लोकप्रिय होती जा रही है।
इसके बाद आरंभ हुआ भारत से पधारे कवि श्री ओमप्रकाश आदित्य, राजेश चेतन, और बाबा सत्यनारायण मौर्य द्वारा कवि सम्मेलन।

राजेश चेतन के संचालन में लगभग 4 घण्टे तक यह कवि सम्मेलन चला। आदित्य जी की हास्य कविताओं को सुनकर सभागार ठहाकों से गूंज रहा था। हास्य के छन्द, बालक और परीक्षा तथा नोट देवता की आरती सुनाकर, आदित्य जी ने जनता को लोट-पोट कर दिया। हास्य व्यंग के साथ, ओज कविता के तेवर रखने वाले राजेश चेतन ने अपने लगभग 1 घंटे के काव्य पाठ में ‘राम बना रोम’ तथा ‘भारत और आतंकवाद’ जैसी कविताएँ सुनाकर, जनता की खूब वाह-वाह लूटी।

रिपोर्ट - पार्थ परिहार
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