Tuesday, June 17, 2008

न्यू जर्सी में हिन्दी महोत्सव

-न्यू जर्सी से जितेन्द्र मुछाल [webdunia]
अमेरिका में भारतीय संस्कृति के सभी आयाम अपनी जड़ें मजबूत कर रहे हैं। इसमें सर्वोपरि है भाषा, जो किसी भी संस्कृति और सभ्यता की पहचान होती है। 'हिन्दी यूएसए' नामक संस्थान पिछले सात सालों से न्यू जर्सी अमेरिका के कई राज्यों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में कार्यरत है। विगत सप्ताहांत 14-15 जून को न्यू जर्सी में हिन्दी यूएसए ने अपने 'वार्षिक हिन्दी महोत्सव' का सफल आयोजन किया।

अमेरिका में हिन्दी को स्थापित करने का बीड़ा : हिन्दू यूएसए का मुख्‍य उद्‍देश्य है अमेरिका की शिक्षा प्रणाली में हिन्दी को ऐच्छिक भाषा के रूप में स्थापित करना, अमेरिका में जन्मी-बसी प्रवासी पीढ़ी को हिन्दी का बुनियादी ज्ञान देना और हिन्दी के प्रचार के लिए अमेरिका में शिक्षकों को तैयार करना।

एक दंपति देवेन्द्र और रुचिता सिंह के प्रयासों से प्रारंभ होकर अब हिन्दी यूएसए एक वृहद रूप ले चुका है। 124 से अधिक कार्यकर्ता इससे जुड़े हुए हैं, जो प्रति सप्ताह अमेरिका में करीब 25 पाठशालाओं में 1200 से अधिक बच्चों को हिन्दी पढ़ाते हैं। संस्थान ने कनिष्ठ से वरिष्ठ तक हिन्दी के नौ विभिन्न स्तरों का पाठ्‍यक्रम तैयार किया है, जिसके आधार पर शिक्षकों और छात्रों को तैयार किया जाता है। सिर्फ कार्यकर्ताओं के सहयोग और समर्पण से तेजी से बढ़ रहे इस संस्थान में कोई पदाधिकारी नहीं है, फिर भी इसकी पकड़ और प्रगति सराहनीय है।

हिन्दी महोत्सव के नाम से वार्षिकोत्सव : हिन्दी यूएसए ने अपने भागीरथी प्रयासों से प्रतिवर्ष एक महाकुंभ के रूप में 'हिन्दी महोत्सव' मनाना शुरू किया। न्यू जर्सी के समरसेट विद्‍यालय में हाल में संपन्न दो दिवसीय वार्षिकोत्सव में 500 से अधिक बच्चों ने भाग लिया। हिन्दी कविता पाठ, हिन्दी शब्द अंताक्षरी और भारतीय संस्कृति से जुड़े अन्य कार्यक्रमों से पूरा परिसर हिंदीमय हो गया था।

अमेरिका में ही पले-बसे प्रवासी बच्चों के मुख से निराला, प्रसाद, दिनकर की कविताएँ सुनना एक अनूठा अनुभव था। महोत्सव के मुख्‍य कार्यक्रम के रूप में हिन्दी यूएसए ने हिन्दी कवि सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें ओमप्रकाश आदित्य, राजेश चेतन और बाबा सत्यनारायण मौर्य ने काव्यपाठ से श्रोताओं को हिन्दी से ओतप्रोत कर दिया।

ओमप्रकाश आदित्य ने तो मंच से यहाँ तक कह दिया कि कि आने वाली पीढ़ी में हिन्दी को इतना आदर और प्रचार-प्रसार तो अब भारत में भी लुप्त होता जा रहा है। विगत वर्षों हिन्दी महोत्सव में ‍नीतीश भारद्वाज, राजू श्रीवास्तव, बाबा रामदेव जैसी हस्तियाँ मुख्‍य अतिथि रह चुकी हैं। महोत्सव के उपलक्ष्य में हिन्दी यूएसए ने 'कर्मभूमि' के नाम से स्मारिका भी प्रकाशित करती है। संस्था की जानकारी www.hindiusa.org भी उपलब्ध है।

No comments: