कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
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Monday, April 21, 2008
ओलम्पिक मशाल
लामाओं के लोहू को जो चूम रहें छोटे मानुष अहंकार में झूम रहें तिब्बत को जो आग लगा कर आये हैं अब दुनिया में आग लगाते घूम रहें
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