
आपका निमन्त्रण मेरे लिये वरदान हो गया
छोटा था मैं पर आज तो महान हो गया
भटकता फिरता था अपने शब्दों को लेकर
राम मन्दिर आया तो तीर्थस्थान हो गया
जगबीर राठी, रोहतक

होरी के रंग गुलालन में,
हुडदंग में रात में हल्ला उड़े
जमुना तट भंग तरंगन में,
छानके धूम धमल्ला उड़े
ब्रज माखन भोग लगे,
दूध दही में मुल्ला उड़े
अब को गुरधानी खावै यहां
जब फोकट में रसगुल्ला उड़े
बिजेन्द्र चकोर, धौलपुर, राजस्थान
इस समारोह में कवि श्री गजेन्द्र सोलंकी व राजेश चेतन ने भी काव्य पाठ किया।
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