दिनांक 19 मार्च 2008 को इंडियन आयल यूसुफ सराय में वार्षिकोत्सव व होली के उपलक्ष्य में एक कवि सम्मेलन का आयोजिन किया गया, जिसमें राजेश चेतन के संचालन में कवियों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की -
फागुन महोत्सव है, धरती बनी रंगोली
उत्सव मना रही है, भारत की जनता भोली
नेता उछालें कीचड़, सब एक दूसरे पर
हम तो गुलाल रंग से, सब मिल मनाएं होली
डा॰ कृष्णकान्त 'मधुर', दिल्ली
पैंसठ में पिट चुके थे, इकहत्तर में रो दिए
जो सर उठे थे हमने वो, मिट्टी में बो दिए
सेना के लड़ाकू सभी, करगिल में खो दिए
बाकी जो बच गए थे, वो धोनी ने धो दिए
डा॰ सुनील जोगी, दिल्ली
हम देश को 21वीं सदी में ले जा रहे हैं
गति सीमा 40
महेन्द्र अजनबी, दिल्ली
राष्ट्र देव को मन मन्दिर में
जब तक नहीं सजाओगे
घर घर में हिरण्यकश्यप हैं
कैसे प्रहलद बचाओगे
राजेश चेतन, दिल्ली
Thursday, March 20, 2008
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