Thursday, February 7, 2008

राम बनाम रोम

मेरे एक मित्र हैं पदमेश
रहते हैं विदेश
करते हैं कविताई
एक दिन चिटठी आई
लन्दन आओ, कविता सुनाओ
हमने सोचा, किस्मत ने भी कैसा मंत्र है मारा
इसलिए भारत में प्रतिष्ठा पाने को
हमने तुरन्त ये आमंत्रण स्वीकारा
क्योंकी भारत में जब तक विदेश ना जाओ
कोई जानता ही नही
होगें आप महाकवि
पर कोई मानता ही नही
राम-रामा
कृष्ण-कृष्णा
योग-योगा और
आयुर्वेद आयुर्वेदा बनकर
जब भारत में प्रतिष्ठा पा सकते हैं तो
चेतन भी चेतना बनकर
भारत मे नई क्रांति ला सकते है
अत: विमान में हुये सवार
एक अंग्रेज हो गया हमारा यार
बैठते ही की बमबारी
लंदन कितना सुन्दर है, प्यारा है
हम अंग्रेजों ने मेहनत से संवारा है
मैनै कहा, हाँ भाई हाँ
बिल्डिगंस का तो जबाब नही
पर घर एक भी आबाद नही
माँ कहीं
बाप कहीं
औलाद तुम्हारे पास नही
और रही बात बीबी की, तो
वह एक कलैण्डर है
जो हर साल बदलना है
इसलिए इन भवनो का तुम्हें क्या करना है
भारत में बिल्डिंग नही घर होते हैं
जो घर की खुशी में हँसतें हैं
घर की गमी में रोते हैं
उसमें होता हैं मां का प्यार
बाप की फटकार
पत्नी की मुस्कान
बच्चों की शान
मेहमान का आना जाना
हमारे यहां घर एक घर होता हैं
नही होता कोई पब या मयखाना
माना की तुम्हारे यहां, फादर डे-मदर डे
बडी शान से मनाते हैं
जिन्दा मां बाप पर साल में एक दिन
फूल चढाते हैं
पर हम तो घर में
हर दिन फादर डे
हर दिन मदर डे ही पाते हैं
और रही बात फूल चढाने की, तो
वह कार्यक्रम भी संसार से उनके जाने के बाद
साल में केवल एक दिन नही
श्राद्ध पक्ष में, पूरे पन्द्रह दिन चलता हैं
और पूरा परिवार उनको याद करता हैं
तभी अंग्रेज बोला
वाट अबावट वेलनटाईन डे!
बाय फ्रेंड, गर्ल फ्रेंड रोमान्स
प्यार का तुम्हारे यहां नही कोई चान्स
मैने कहा कितना गलत है आपका आरोप
प्यार के मामले में क्या कर लेगा यूरोप
तुम्हारे यहाँ प्यार का गीत
केवल एक दिन गाते हैं
हम तो फाल्गुन का पूरा महीना
वेलनटाईन मनाते है
मेरी बात सुनकर
अँग्रेज झल्लाया, तिलमिलाया, चिल्लाया
यू ब्लैक इंडियन!
मैनै कहा,चेहरे से हम काले हैं
पर दिल में हमारे उजाले हैं
और रही तुम्हारे चेहरे की लाली
तो वह भी तुम्हारी नही
पराई हैं
तुमने दुनिया के लोगो से चुराई हैं
दुनिया का रक्त बहाकर
तुम्हारा चेहरा हो गया लाल
अब काहे को ठोक रहे हो ताल
लूटा है हमारा ही माल
गौरे चेहरे पर ज्यादा मत इतराओं
पहले आदमी बन कर दिखाओं
भारत की शरण में आओ
जीओ और जीने दो का सिध्दान्त अपनाओ
और, दुनियों को महकाओ
मैने अँग्रेज मित्र से कहा
दुनिया मे है केवल दो विचार
एक रोम ओर एक राम
मानवता की रक्षा करना चाहते हो तो
रोम को छोड राम को स्वीकार ।

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