
कलैण्डर नया और सब कुछ पुराना
नया साल मित्रों कैसे ये माना
बेगानी शादी अब्दुल्ला दीवाना
गाता हूँ प्यारे नया इक तराना
सेवन का जाना एट का आना
मित्रों से हमको रिश्ता निभाना
व्हिस्की के संग में मिले रोज खाना
हो उंची सी बिल्डिंग उंचा ठिकाना
घर में हो खुशियों का ऐसा खजाना
नया साल नित हो नया हो जमाना
1 comment:
bahut khub
rajesh pathik
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