लौ-स्वराज सुलगाने वाले लाला जी
और लाठियाँ खाने वाले लाला जी
वही लाठियाँ काल बनी अंग्रेजों का
गौरों से टकराने वाले लाला जी
कहलाए 'पंजाब-केसरी' भारत के
गुलशन को महकाने वाले लाला जी
'साईमन' हरगिज़ भी स्वीकार नहीं हमको
क्रांति-अलख जगाने वाले लाला जी
शत-शत वंदन अभिनंदन महामानव का
जीवन-पुष्प चढ़ाने वाले लाला जी
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