दुरभाष पर कीजिये देख भाल कर बात।
रिकार्डिंग अब हो रही लगी हुई हुई है घात॥
लगी हुई घात मचा है हल्ला गुल्ला।
संसद में भी खूब घुमाया सबने बल्ला॥
टेलीफोन टैपिंग का भैया मर्ज पुराना।
मनमोहन जी कब तक होगा यूं बहकाना॥
कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें https://twitter.com/rajeshchetan http://kavitakosh.org/kk/राजेश_चेतन
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