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Friday, September 18, 2009
चीन
भारत के बाजार में आया है भूचाल गली गली में बिक रहा अब तो चीनी माल
अब तो चीनी माल बंदूके गूंज रही है चीनी फौजे सीमा ऊपर घूंम रही है
मनमोहन जी छोड़ बांसूरी शंख बजाओ चीनी शत्रुओं से भारत को मुक्त कराओं।
6 comments:
बिल्कुल सही समय पर चेताया है आपने .
( चीन, चेतन और चेतावनी एक ही राशि है)
सामयिक और सटीक रचना आभार.
बहुत बढिया कविता. यदि कमेंट बॉक्स से व्रर्ड-वेरीफिकेशन हटा दें तो अच्छा हो.
चीन, चेतन, चेतावनी. वाह सब कुछ कह दिया तीन शब्दों में चतुर्वेदी जी ने.
बहुत बढ़िया. कभी हमें भी पढने का समय निकालें. आभार
वाह! क्या खूब कही है । चीन , चेतन,चेतावनी और चतुर्वेदी भी कुछ कम नहीं......
sir aap delhi se hai naa
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