May 10, 11:14 pm
रोहतक, जागरण संवाद केंद्र।
राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में कवियों ने हास्य कविताओं से लोगों को खूब गुदगुदाया। कविता ने लोगों के बीच फैली नफरत को मिटाने के लिए लव फ्लू फैलाने की मांग की। द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैंपियन कवि सरदार प्रताप फौज ने हास्य व्यंग्य से सभी का मन-मोहा।
शनिवार को रोहतक इंस्टीटयूट आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में देर रात आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में मुख्यातिथि ओरियंटल बैंक आफ कामर्स के डीजीएम डीएस राठौर थे। कवि सम्मेलन की शुरूआत नरेद्र अत्री ने हरियाणा श्रृंगार का गीत 'पल्लू सरक गया' से की।
कार्यक्रम में दा ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैंपियन कवि सरदार प्रताप फौजदार ने करीब एक घंटे तक मंच पर रहकर दर्शकों को खूब हंसाया। उन्होंने तिरंगा कविता सुनाकर लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई।
कवि जगबीर राठी ने हरियाणवी चुटकुलों से लोगों का मन मोहा। उन्होंने स्वाइन फ्लू बीमारी पर कहां कि लोगों के बीच फैली नफरत को मिटाने के लिए लव फ्लू फैलाने की भी जरूरत है। उन्होंने अपनी कविता माटी का चूल्हा भी प्रस्तुत की। जिसे सभी उपस्थित लोगों ने सराहा। डा. मधु मोहिनी उपाध्यक्ष ने 'कुछ समझ लो तो..' से दर्शकों का मन मोहा। उन्होंने प्रेम के ढाई अक्षर का साहित्यिक अंदाज में विश्लेषण किया। अनिल गोयल ने एक बच्चे व सूर्य देव की बातचीत को हास्यपूर्ण ढंग से प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियां बटोरी। राष्ट्रीय कवि राजेश चेतन ने भी हास्य व्यंग्य प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि 'जहां कही भी जीवन की परछाई है, जहां भी नई रोशनी छाई है, दुनिया वाले चाहे इसे धर्म कहे, मैं कहता हूं भारत की परछाई है।'
कार्यक्रम के अंत में सभी कवियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में रोहतक इंस्टीटयूट आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट रोहतक के बोर्ड आफ ट्रस्टी सुभाष गर्ग, विजय प्रकाश अग्रवाल, अनिल प्रकाश अग्रवाल, मिथलेश कुमार जैन, संदीप गर्ग, मुकेश सिंगला, नीरज गर्ग, मनोज सिंगला, विनय प्रकाश अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, मयूर अग्रवाल आदि उपस्थित थे
Monday, May 11, 2009
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2 comments:
is nafarat aur hinsa k vatavarane hasyakavi aur kavyatrian bahut bada kaam kar rahe hain...
HASYA KAVI SAMMELAN ZINDABAD
aapko badhai, chetanji chhaye raho
जात पात का हाथी लेकर हाथ हिलाना आता है।
उस हाथी पर दिल्ली आना उनके बस की बात नही॥
बहुत खूब चेतन जी
एक उम्दा रचना ........... राजनीति के अवसरवाद पर एक बहुत ही सटीक प्रहार
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