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Tuesday, August 12, 2008
अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा पदक तुम्हारा पावन है तेरी शुटिंग सच में ही मनभावन है सौ वर्षों से स्वर्ण पदक की प्यास लिए पदक नहीं लगता आंखों में सावन है
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