Tuesday, July 29, 2008

इश्मित


वो आया और महफ़िल को ही लूट गया
जैसे कोई प्यार का झरना फ़ूट गया
इश्मित के जाने से हमको लगता है
संगीत गगन का चम चम तारा टूट गया

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत दुखद समाचार है।प्रभू उन के परिवार जनों को इस दुख को सहनें की हिम्मत दे।