Wednesday, July 23, 2008

नोटतन्त्र


नोट उडे संसद भवन नेता बड़े महान
खतरे में हमको लगे लोकतन्त्र की शान
लोकतन्त्र की शान हुआ भारी घोटाला
पैसे लेकर नेता जी ने बदला पाला
कह चेतन कविराय नोट की महिमा न्यारी
जीत गई सरकार हार गई जनता सारी

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