कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
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Monday, May 12, 2008
शहंशाह बंदर
बंदर ये मतवाला है प्यार बांटने वाला है सुस्ताने को राजा का तकिया बड़ा निराला है
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