कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
https://twitter.com/rajeshchetan
http://kavitakosh.org/kk/राजेश_चेतन
Monday, May 12, 2008
सरपंच बंदर
ये कोई प्रपंच नहीं ना कोई छल छंद नहीं मित्र मित्र हैं हम दोनों बंदर अब सरपंच नहीं
No comments:
Post a Comment