Saturday, March 29, 2008

राजबीर


गर्म कडाही में जो खुद ही तला गया
वर्दी को हथियार बनाकर चला गया
एंकाउन्टर करते करते ही राजबीर
खुद एंकाउन्टर में ही देखो छला गया

1 comment:

समयचक्र said...

बहुत अच्छी रचना.