Sunday, February 3, 2008

सिलीगुड़ी कवि सम्मेलन, जागरण समाचार पत्र में





हास्य कवि सम्मेलन में जमकर हंसा शहर

निज संवाददाता, सिलीगुड़ी : दुनिया के अनमोल रत्‍‌न हम, अपने घर बेमोल रहे कहनी-अनकहनी सब बोल, किंतु मिटने नहीं देंगे पुरखों की अमर निशानी को, इंच-इंच कट जायेंगे पर सेतु तोड़ने नहीं देंगे। उक्त वीर रस की कविता के माध्यम से हास्य के प्रसिद्ध कवि प्रताप फौजदार ने रामसेतु पर अपने संकल्प को दोहराया। मौका था, दैनिक जागरण के सहयोग से अणुव्रत समिति द्वारा आयोजित हास्य कवि सम्मेलन का। आयोजन भले ही हास्य कवि सम्मेलन का रहा हो, परंतु यहां हास्य की हंसी ढिढोली के साथ वीर रस का भी श्रोताओं ने खूब आनंद उठाया। हास्य के कवि व लाफ्टर चैलेंज प्रतियोगिता के चैलेंजर प्रताप फौजदार ने यहां अपने चिर परीचित अंदाज में खूब लोगों के पेट में बल पड़ाये। कभी राजनीति, कभी सरदार,कभी मारवाड़ी की हास्य रचनाओं से उन्होंने सदन को खूब हंसाया तो रामसेतु की रचना के माध्यम से अपनी गंभीरता का भी परिचय दिया। असम के वर्तमान हालात और हिंदीभाषियों पर किये जा रहे अत्याचार पर वीर रस के राष्ट्रीय कवि लाजपत राय विकट की रचना -सूरज भी जुगनुओं के सहेंगे सितम, दूजा कश्मीर बन जाएगा असम के माध्यम से कवि विकट ने वर्तमान राजनीति पर जोरदार प्रहार किया। जब जहां शासन हुआ कमजोर चलता है, वहां आततायियों का जोर .. कविता की इस पंक्ति का श्रोताओं ने जोरदार तालियों से स्वागत किया। कवि राजेश चेतन की कविता घर-घर में हिरण्यकश्यप हैं कैसे प्रहलाद बचाओगे, को श्रोताओं ने खूब सराहा। अफजल की फांसी के मुद्दे पर उनकी व्यंग्यात्मक रचना। लोकतंत्र की जाने क्या मजबूरी है, हत्यारे की फांसी से क्यों दूरी है। अफजल को जो बचाने में लगे हैं, उनको फांसी जरूरी है। को जोरदार तालियों के साथ लोगों ने समर्थन किया। काका हाथरसी परंपरा से जुड़े कवि काका बिहारी की हास्य क्षणिकाओं ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया,राजस्थानी व हिंदी में प्रस्तुत कविताओं का लोगों ने खूब आनंद उठाया। सरकारी अस्पताल का महाकाव्य बताते काका ने कहा - जहां रोगी पीला डाक्टर लाल है, समझो वही सरकारी अस्पताल है। कुल्हड़ और भारतीय नारी की समानता को बड़े ही मार्मिक व दिल को छूने वाले अंदाज में चार पंक्तियों के माध्यम से उन्होंने सुनाया। कार्यक्रम में कवि संपत सरल व गजेन्द्र सोलंकी ने भी अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही बटोरी। श्री सोलंकी ने अपने आकर्षक अंदाज में मंच संचालन भी संभाला। स्थानीय कवि कर्ण सिंह जैन ने हो गयी है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए से वाहवाही बटोरी। स्थानीय आशु कवि पत्रकार दिनेश ललवानी ने कार्यक्रम के समापन पर अपने कविता के माध्यम से कवियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का उद्घाटन सुखियापोखरी के उद्योगपति व समाजसेवी रामअवतार अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर संस्था के सदस्यों ने स्थानीय एयरफोर्स के गु्रप कैप्टन एके जैन, वाणिज्य कर विभाग के अतिरिक्त आयुक्त अनिल सरकार, उपायुक्त बी मंडल को प्रतीक चिंह देकर सम्मानित किया। यहां आमंत्रित शहर के गणमान्य अतिथियों में वाणिज्य कर विभाग के सीटीओ एस मुखर्जी, समाजसेवी रामगोपाल जाजोदिया, आरके गोयल, ओम प्रकाश अग्रवाल, मेघराज सेठिया, बजरंग सेठिया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए संस्था के अध्यक्ष हनुमान मालु, सचिव सुरेन्द्र घोड़ावत, सह संयोजक किशन आंचलिया, शुशील गोयल, संपर्क प्रभारी सुनील पुगलिया, शुशील मिनी सहित संजय छाजेड़, ललीत घोषल, पवन सेठिया, शांति संचेती, प्रकाश लुजिया, संजय घाडेवा, संजय छाजेड, महेन्द्र कोठारी व ओम शर्मा आदि सक्रिय रहे। इस कार्यक्रम के आफिसियल होस्ट होटल गोल्डेन गेट के डेविल्स था।

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