Thursday, February 7, 2008

अहिंसा वर्ष

अहिंसा अवतार
भगवान महावीर
आपका 2600 वाँ
जन्म कल्याणक मनाकर भी
हम शर्मिन्दा हैं
क्योंकि आपकी
अंहिसा मर रही है और
हिंसा अभी जिंदा है
बडे धूम-धाम से मनाया
हमने आपका जन्म कल्याणक वर्ष
आतंकियों में छाया रहा पूरा हर्ष
ओसामा के धमाके
संसद में लड़ाके
कश्मीरी अंगारे और
गोधरा के हत्यारे
मानवता को चाट रहे हैं और
कुछ धर्मों के ठेकेदार
दुनियाँ को डाँट रहे हैं
आपके भक्तों ने व सरकार ने
किया है कमाल
आपके जन्म कल्याणक पर
लुटाया है माल
बनाई है ऊंची-ऊंची अट्टालिकायें
जलाई हैं दीप मालिकायें
कहीं भजन
कहीं गीत
कहीं संगीत
लेकिन नहीं मिली
अहिंसा को जीत
क्योंकि अहिंसा की जीत के लिये
जो करना था
वह हम जानते ही नही हैं
और आपका सिध्दांत
व्यक्ति का निर्माण
हम मानते ही नही है
नही चाहिये ऊँचे भवन अट्टालिकायें
नही चाहिये घंटे घड़ियाल मालिकायें
नही चाहिये भजन नाटक और गीत
हमें तो चाहिये
केवल मन का संगीत
आओ लोगों के मन में
अहिंसा का संगीत गुंजाये
मिलकर कदम बढ़ायें
मानव को मानव से जोड़ें
हम हिंसक प्रवृतियों को छोड़ें
दुनियाँ में फैले
प्रेम प्यार अनुराग
शांत हो हिंसा की आग
एक दिन करना ही पड़ेगा
दुनियाँ को
महावीर का रास्ता स्वीकार
सच्चे अर्थों में तभी होगी
भगवान महावीर आपकी जय-जयकार ।

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