Tuesday, January 29, 2008

अंगारा

कैसा अजब नज़ारा है
हर घाटी अंगारा है

गली गली ख़ूनी जिसकी
वो कश्मीर हमारा है

किसको समझें हम अपना,
अपनों ने ही मारा है

छोड़ो बातें मौसम की,
हर मौसम हत्यारा है

माँ की आँखों में आँसू,
बेटा जो आवारा है

1 comment:

राज भाटिय़ा said...

राजेश चेतन जी, मन जीत लिया आप की कवितओ ने,चोट के रुप मे शिकायत हे,अरे वाह..
माँ की आँखों में आँसू,बेटा जो आवारा है. ऎसे बेटे से तो नापूत ही भली.
आप का धन्यवाद
राज भाटिया