Sunday, December 16, 2007

कृष्ण सुदामा













भारतीय स्कूलों में फ़ायरिंग की ये अपनी तरह की पहली घटना है.




विद्या का ये मंदिर लहूलुहान है
बच्चे-बच्चे में हिंसा की तान है
कृष्ण सुदामा को गुरुकुल में मार रहा
स्वर्गलोक में बापू भी हैरान है

2 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बिल्कुल सच कहा...आज ना वह गुरू है ना वह विधार्थी...और ना ही वह शिक्षा का मंदिर।

चिराग जैन CHIRAG JAIN said...

bahut achchhe bhaiyya
naya prayog
badhiya hai....
:-)