Thursday, November 8, 2007

राजेश चेतन काव्य पुरस्कार-2007


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सांस्कृतिक मंच, भिवानी द्वारा गीतकार श्री विपिन सुनेजा ‘शायक’ को
‘राजेश चेतन काव्य पुरस्कार’ चित्र में बायें से राजेश चेतन, चौधरी धर्मवीर सिंह,
विपिन सुनेजा, राजकवि उदयभानु हंस, अविनाश सरदाना, दीवान चन्द रहेजा व जगतनारायण
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कला,साहित्य एवं संस्कृति को समर्पित संस्था,सांस्कृतिक मञ्च,भिवानी,द्वारा आज स्थानीय पंचायत भवन में एक विराट कवि सम्मेलन व राजेश चेतन काव्य पुरस्कार समारोह का भव्य आयोजन किया गया। भीषण गर्मी में खचा-खच भरे हाल में तथा बाहर खड़ी भीड़ ने चार घंटे तक चले काव्य पाठ का आनन्द लिया। समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में चौ॰ धर्मबीर मुख्य संसदीय सचिव,हरियाणा ने पूरा समय बैठ कर कवियों का उत्साहवर्धन किया। समारोह अध्यक्ष भिवानी के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अविनाश सरदाना थे तथा विशिष्ट अतिथि गिनीज बुक में गोताखोरी में नामित श्री राजेश लाल अत्री थे। मुख्य अतिथि श्री धर्मबीर सिंह जी ने माँ सरस्वती के आगे दीप प्रज्वलित एवं पुष्पांजलि करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। तदुपरांत सुश्री मनजीत मारवाह ने वन्दे मातरम् का मधुरगान किया। मञ्च संचालन डाँ॰ बुद्ध देव आर्य कर रहे थे। मञ्च के अध्यक्ष श्री दीवान चन्द रहेजा ने सभी अतिथियों व कवियों का स्वागत किया। उन्होने बताया कि हर वर्ष 8 अगस्त को एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन भिवानी में किया जाता है तथा कला,साहित्य व समाज के प्रति समर्पण भाव रखने वाले किसी साहित्यकार को राजेश चेतन काव्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है जिसमें प्रशस्ति पत्र 5100 रुपये नगद व शाल द्वारा सम्मान प्रदान किया जाता है। आज इस समारोह में रेवाड़ी के गीतकार व गजल गायक श्री विपिन सुनेजा ‘शायक’ को यह सम्मान चौ॰ धर्मबीर, राज्यकवि उदयभानु हँस व श्री अविनाश सरदाना द्वारा सम्मानित किया गया । कवि सम्मेलन की अध्यक्षता श्री उदयभानु हँस जी ने की व कार्यक्रम का संचालन फरीदाबाद से पधारे अन्तर्राष्ट्रीय कवि श्री दिनेश रघुवंशी ने किया। सर्वप्रथम हरियाणा के कवि श्री जगबीर राठी ने अपनी पंक्तियां कुछ यूं गायी ।

तीजों का त्यौहार आया ठ्ण्डी फहार लाया,
छ्म-छम पानी बरसै हरियाणा मै।
हरे खेत हरे हरा-हरा सब कुछ,
हरे रंग से भरा हर घर सै हरियाणा मै ॥

भिवानी के स्थानीय कवियत्री श्रीमती अनिता नाथ ने “माँ’’ पर अपनी कविता मधुर स्वर में इस प्रकार गायी:

माता, सखा, संगीनी बनकर, जो विश्वास रचा पल में।
ऐसी नारी अबला होगी, ये कैसे माना जग ने॥

लाल किले के अन्तर्राष्ट्रीय कवि दिल्ली से पधारे श्री राजेश चेतन ने अपनी प्रस्तुति इस प्रकार दी

वोट बैंक का राग हमारे भारत में,
खून हो गया फाग हमारे भारत में।
कुर्सी वाले मिलकर देखो लगा रहे,
आरक्षण की आग हमारे भारत में ॥

दिल्ली से पधारी नवोदित कवियत्री सुश्री ॠतु गोयल ने अपने मधुर कंठ से यह कविता गा कर दर्शकों की वाह-वाह बटोरी

मौत सच है, मगर जिन्दगी देखिए
चांद को देखना हो अगर आपको,
दाग मत देखिए रोशनी देखिए

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