धर्म और संस्कृति
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जैसे
इंडोनेशिया में
लोगों ने धर्म तो बदला है
पर संस्कृति नहीं
मज़हब तो बदला है
पर पुरखे नहीं
वैसे ही
भारत में भी
लोग अक्सर कहते हैं -
दीवाली में अली और
रमज़ान में राम है
तो फिर इस ' बाघा बार्डर ' जैसी
बाधा का क्या काम है ?
और हमारी संस्कृति का भी
यही तो पैग़ाम है -
अगर इंडोनेशिया की तरह
हम भी सत्य को करेंगे स्वीकार
तो दुनिया मे गूँजेगी
भारतीय संस्कृति की जय जयकार ।
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