जनता का मर मर कर जीना दिल्ली मे सब चलता है।
हाकिम चलता ताने सीना दिल्ली मे सब चलता है॥
इस नेता का उस नेता का हर नेता का चमचा है।
अच्छा हो या घोर कमीना दिल्ली मे सब चलता है॥
ये बाबू है वो बाबू है, इस बाबू पर वो बाबू है।
सबका हफ्ता और महीना दिल्ली मे सब चलता है॥
कच्ची पर्ची, पक्की पर्ची, पर्ची पर पर्ची पर पर्ची।
टैक्स का पैसा सबने छीना दिल्ली मे सब चलता है॥
इधर बार है उधर बार है, ठेकों पर लम्बी कतार है।
गाड़ी मे भी दारु पीना, दिल्ली मे सब चलता है॥
बस रिक्शा आटो या गाड़ी, सड़को सड़को जनता है।
मैट्रो मे भी बहे पसीना, दिल्ली मे सब चलता है।।
1 comment:
ये भी अन्ना वो भी अन्ना , जिधर भी देखो अन्ना ही अन्ना
बाहर से अन्ना अन्दर से धन्ना , दिल्ली में सब चलता है ।
बसंत पंचमी की शुभकामनायें राजेश जी ।
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