कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
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मुझसे किसी ने पूछा तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो, तुम्हें क्या मिलता है.. मैंने हंस कर कहा: देना लेना तो व्यापार है.. जो देकर कुछ न मांगे वो ही तो प्यार हैं.
2 comments:
सटीक!!
मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो,
तुम्हें क्या मिलता है..
मैंने हंस कर कहा:
देना लेना तो व्यापार है..
जो देकर कुछ न मांगे
वो ही तो प्यार हैं.
नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
दो हजार दस का है केवल एक फँसाना
हर घर में गूँजेगा अब खेलों का गाना
वाह वाह..!!
नया वर्ष नयी उम्मीदों
नयी तैयारियों के नाम
नूतन उत्साह और
नवीन चेतना के नाम जी
नववर्ष की बधाई एवं शुभकामनाओं सहित
- सुलभ जायसवाल 'सतरंगी'
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