Friday, July 10, 2009

तीन दोहे

सेवा सुमिरन जाप से, बन जायेंगे काम।
राधा राधा नित रटो, आ जायेंगे श्याम॥

टी वी ने घर घर दिये, गहरे वाद विवाद।
सास बहू मे देखिये, बन्द हुआ संवाद॥

समय देवता की बजी, देखो कैसी बीन।
सासू झाड़ू दे रही, बहू नींद लीन॥

5 comments:

श्यामल सुमन said...

रंग चटक दिखता यहाँ लिखे जो दोहे तीन।
आज सँपेरा नाचता साँप बजाये बीन।।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

रंजना said...

Ha ha ha ....ekdam samsamyik dohe hain...

ओम आर्य said...

samsaamyik ...........achchhe lage dohe

Unknown said...

gazab !

डॉ टी एस दराल said...

सासू झाड़ू दे रही, बहू नींद लीन॥
वाह, सचमुच क्या ज़माना आ गया है.
बिलकुल सही कहा. बस आखरी पंक्ति में अगर लिखें--
बहू नींद में लीन, तो दोहा तकनीकि दृष्टि से सही लगेगा.
बधाई