कभी गृहस्थ और कभी संत से प्यारे प्यारे साधुराम।
संघर्षो में अड़े रहे और कभी ना हारे साधुराम॥
गीता को जीवन मे जिसने शब्द शब्द स्वीकार किया।
भीड़ भाड़ में रहें सदा ही न्यारे न्यारे साधु राम॥
दक्ष मिला तो दक्ष हो गये आंधी आये या बरसात।
शाखा में जो रहे चमकते चम चम तारे साधुराम॥
हिन्दी हिन्दू गौ की सेवा जेल मिली तो जेल गये।
भारत मां के रहे पुजारी राष्ट्र दुलारे साधुराम॥
धन और पद की लिप्सा से जो सदा सदा ही दूर रहे।
निस्वार्थ भाव से मित्रों के रहे सहारे साधुराम॥
श्याम जीत धर्म रण बल और नरेन्द्र के पापा।
टाफी कुल्फी गुल्ली डंडा और गुब्बारे साधुराम॥
कभी रुठना कभी मनाना फिर बच्चों सा हो जाना।
कृष्णा जी को सदा लगे ही श्याम संवारे साधुराम॥
पौत्र पौत्रिया दोहता दोहती सबके दादा नाना थे।
पर राणा की नैया के तो रहे किनारे साधुराम॥
आंख आंख के आंसू देखे आंख आंख रोती देखी।
चेतन कहता प्रेम प्यार के बड़े फव्वारे साधुराम॥
संघर्षो में अड़े रहे और कभी ना हारे साधुराम॥
गीता को जीवन मे जिसने शब्द शब्द स्वीकार किया।
भीड़ भाड़ में रहें सदा ही न्यारे न्यारे साधु राम॥
दक्ष मिला तो दक्ष हो गये आंधी आये या बरसात।
शाखा में जो रहे चमकते चम चम तारे साधुराम॥
हिन्दी हिन्दू गौ की सेवा जेल मिली तो जेल गये।
भारत मां के रहे पुजारी राष्ट्र दुलारे साधुराम॥
धन और पद की लिप्सा से जो सदा सदा ही दूर रहे।
निस्वार्थ भाव से मित्रों के रहे सहारे साधुराम॥
श्याम जीत धर्म रण बल और नरेन्द्र के पापा।
टाफी कुल्फी गुल्ली डंडा और गुब्बारे साधुराम॥
कभी रुठना कभी मनाना फिर बच्चों सा हो जाना।
कृष्णा जी को सदा लगे ही श्याम संवारे साधुराम॥
पौत्र पौत्रिया दोहता दोहती सबके दादा नाना थे।
पर राणा की नैया के तो रहे किनारे साधुराम॥
आंख आंख के आंसू देखे आंख आंख रोती देखी।
चेतन कहता प्रेम प्यार के बड़े फव्वारे साधुराम॥
2 comments:
SAADHURAAM JI SAADHURAAM..........
ARSH
साधुराम जी को साधुवाद.
आप कनाडा आये और उसी वक्त हम भारत गये हुए थे तो मुलाकात ही न हो सकी. फिर कभी सही.
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