8 जून की सुबह कवि कुल में घोर अंधेरा लेकर आई जब विदीशा के बेतवा महोत्सव में काव्यपाठ करने के बाद भोपाल लौटते हुए देश के प्रख्यात हास्य कवि श्री ओमप्रकाश आदित्य, श्री नीरज पुरी और श्री लाड सिंह गुज्जर की आवाज एक सडक दुर्घटना में सदा के लिये खामोश हो गई । ये साहित्य जगत के लिये बहुत बड़ी क्षति है । आज दिल्ली के मालवीय नगर शमशान घाट में श्रद्देय आदित्य जी का अंतिम संस्कार किया गया जिसमें सर्वश्री कृष्ण मित्र, सुरेन्द्र शर्मा, गोविन्द व्यास, कंअर बेचैन, जैमिनी हरियाणवी, शेर जंग गर्ग, दिनेश रघुवंशी, राजगोपाल सिंह, अरुण जैमिनी, अनिल जोशी, महेन्द्र शर्मा, वेद प्रकाश, हरिओम पंवार, कुमार विश्वास, सौरभ सुमन, सत्यपाल सत्यम, सरदार मंजीत सिंह, रमेश मुस्कान और चिराग जैन के अलावा अनेक कवि और साहित्यकार उपस्तिथ थे । राष्ट्रीय कवि संगम के संयोजक श्री जगदीश मित्तल ने संस्था की ओर से श्रद्धाँजलि अर्पित की ।
7 comments:
महाशोक-हृदयविदारक-दिवंगत आत्माओं को श्रृद्धांजलि!!
aaj ka dukh barson tak saalta rahega.........
चेतन जी
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मैं अपने जीवन में किये गये नेक कार्यों में से एक नेक कार्य का फल इनको अर्पित करने के लिए भगवान से प्रार्थना करूंगा
श्रृद्धांजलि!!
दिवंगत महान आत्माओं को श्रधांजलि. काव्य जगत में यह क्षति अपूर्णीय है.
चेतन भाई ये सचमुच एक दुखदाई समय है । मंच को एक अपूरणीय क्षति हुई है । ईश्वर ओम जी को स्वस्थ कर दे बस यहीं कर सकते हैं अब हम । मोनिका हठीला से आपकी काफी तारीफ सुनी है मुझे पता नहीं था कि आप ब्लाग भी लिखते हैं । लाड़सिंह गुर्जर तो मेरे ही शहर सीहोर के पास के एक बहुत छोटे से गांव के थे । उस छोटे से गांव से निकल कर उन्होंने जो पहचान बनाई वो कई लोग बड़े शहरों में रह कर भी नहीं कर सके । ओम जी के साथ पिछले साल एक ही ट्रेक पर कुछ कवि सम्मेलनों को पढ़ने का मौका मिला था । उनका निष्छल व्यवहार मन में बस गया । ईश्वर से उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहा हूं ।
पहले तो नमन इन तीनो कवी श्रेष्ठो को और और नाम आखों से श्रधांजलि..इस बात की खर कल ही मुझे मेरे गुरु देव श्री पंकज सुबीर जी से मिली थी और तभी से मन बिचलित और बेचैन है ....
हास्य कवी ब्यास जी हालत अभी ठीक है ...
अर्श
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