कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
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Tuesday, April 29, 2008
बंदर और अखबार
खबरों से अब पशुओं तक को प्यार है अखबारी दुनिया की ये ललकार है इस दुनिया की मारा मारी देख देख बंदर ने भी उठा लिया अखबार है
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