कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
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Friday, January 25, 2008
मदिरा
ये रंगीली शाम है पीने का ही काम है पक्षी की भी चोंच में देखो मदिरा जाम है
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