
तुझमे मुझमे क्या है अन्तर
झांक रहा हूँ मुहं के अन्दर
जो मैं पुरखा हूं मानव का
तूं क्यूं लडकी मैं क्यूं बन्दर
कवि राजेश चेतन की हास्य व्यंग और विचार कविता की चौपाल में आपका स्वागत है। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें https://twitter.com/rajeshchetan http://kavitakosh.org/kk/राजेश_चेतन
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