अपने गुरुओं की कुरबानी याद करें
श्रीगुरुग्रन्थ की पावन वाणी याद करें
मुगली अत्याचारों से जो जूझ मरे
औरंगजेबी कारिस्तानी याद करें
दिल्ली आकर गुरु ने शीश चढ़ाया था
हिन्द की चादर थे बलिदानी याद करें
दीवारों में चिना दिया निज बेटों को
ईंट ईंट की अमर निशानी याद करें
दो बेटों को झोंक दिया गुरु ने रण में
तलवारें लोहू में सानी याद करें
चार पूत और पिता चढ़ाया माटी को
बलिदानों की शौर्य कहानी याद करें
लाल रक्त से सिंचित मास दिसम्बर है
पंथ खालसा स्वाभिमानी याद करें
रकाबगंज और शीशगंज को नमन मेरा
पावन माटी हिंदुस्तानी याद करें
Thursday, May 27, 2021
हर सप्ताह 16.0
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