Friday, June 17, 2022

हर सप्ताह 51.0

 जो सेवा को हाथ बढ़ाए, अग्रवाल है 

राष्ट्र एकता पाठ पढ़ाए, अग्रवाल है


मंदिर-प्याऊ-गौशाला बनवाए जनहित 

जो सेवा का भाव जगाए, अग्रवाल है


आस-पास में कोई पीड़ित दिखे कहीं तो 

उसके आँसू पौंछ के आए, अग्रवाल है


महालक्ष्मी को कुल की देवी माना जिसने 

घर-घर में जो कमल खिलाए, अग्रवाल है


'एक रुपैया - एक ईंट' रखता है सँग में

सबको अपने गले लगाए, अग्रवाल है


गाँव-शहर की बहन बेटियाँ समझे अपनी

मान-तान झट उन्हें थमाए, अग्रवाल है


भंडारे और खानपान की चिंता करता

दान-पुण्य कर ख़ुश हो जाए, अग्रवाल है


रामकथा और कथा-भागवत यज्ञ रचाकर

हर दिन ईश्वर के गुण गाए, अग्रवाल है


कुँआ-बावड़ी, ताल-तलैया बनवाकर जो 

भागीरथ बनकर मुस्काए, अग्रवाल है


टैक्स चुकाए जो ईमान से अपना पूरा

मुद्रा का भंडार जुटाए, अग्रवाल है


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