Friday, June 17, 2022

हर सप्ताह 48.0

 हिन्दू मुस्लिम और ईसाई, हम स्वतंत्र हैं

गौरों की सरकार भगाई, हम स्वतंत्र हैं 


पंद्रह अगस्त सन उन्नीस सौ सैंतालीस ही था 

लाल किले से गूँज लगाई, हम स्वतंत्र हैं


दुनिया ने बेशक़ आ-आ कर हमको लूटा

क्रांति अलख बुझने ना पाई, हम स्वतंत्र हैं


सवा अरब की आबादी, गणतंत्र हमारा 

हमने जग में धूम मचाई, हम स्वतंत्र हैं


हिन्दू हैं तो सब धर्मों का मान यहाँ पर

माना हमने सबको भाई, हम स्वतंत्र हैं


भाषा-भूषा, खान-पान है अलग भले ही

आपस में हम एक इकाई, हम स्वतंत्र हैं


एटम  है  तो  महावीर भी  पास हमारे

ऋषियों-मुनियों की पुण्याई, हम स्वतंत्र हैं


अमरीका के सिंहासन पर भी दस्तक है

विश्वगुरु-सी  है  ऊँचाई,  हम स्वतंत्र हैं


मैं भारत हूँ, मेरे कारण इस दुनिया में

शांति-अहिंसा है सच्चाई, हम स्वतंत्र हैं

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