Thursday, June 23, 2022

हर सप्ताह 77.0

 मंदिर-मंदिर फैला है अभिशाप तुम्हारा 

सारी दुनिया देख रही है पाप तुम्हारा 

 काशी-वापी  दोनों  में  ही  शिवशंकर  हैं
न्यायालय में गया फ़िजूल प्रलाप तुम्हारा 

वजुखाने में महादेव को क़ैद किया था
दुष्टो ! ये है पाप नहीं, महापाप तुम्हारा

गंगा जमनी की बातें अब बेमानी है 
छल फरेब से भरा वार्तालाप तुम्हारा

डी एन ए की अगर खुदाई कभी हुई तो
राम-श्याम आख़िर निकलेगा  बाप तुम्हारा

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