सिर किसान के चढ़ते जाते खालिस्तानी
कैनाडा की रोटी खाते खालिस्तानी
महीनों से दिल्ली बॉर्डर को बंद किए हैं
बिना बात के ही गुर्राते खालिस्तानी
लालकिले को किया कलंकित देखा सबने
अब सड़कों पर ख़ून बहाते खालिस्तानी
न्यायालय भी उहापोह में इनको लेकर
संविधान से नित टकराते खालिस्तानी
कांग्रेस भी आग तापती आंदोलन में
राहुल जी से हाथ मिलाते खालिस्तानी
अब टिकैत भी बदला-बदला घूम रहा है
'अल्लाह हू अकबर' दोहराते खालिस्तानी
पावन हांडी में किसान की बेशर्मी से
अपनी खिचड़ी रोज पकाते खालिस्तानी
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