Thursday, May 27, 2021

हर सप्ताह 38.0

 रामकथा आधार जानकी सीता जी
श्री राम का प्यार जानकी सीता जी

धरती से प्रगटी थीं माता जगदंबा
रामायण का सार जानकी सीता जी

बैसाख शुक्ल नौमी को पावन करने को
लिया मनुज अवतार जानकी सीता जी

धनुष यज्ञ के नायक राघव राम बने
बनीं राम-गलहार जानकी सीता जी

राघव के सँग हर्षित होकर जंगल भी
कीन्हा अंगीकार जानकी सीता जी

केवट ने जब राम से उतराई माँगी
दी मुद्रिका उतार जानकी सीता जी

साधुवेश-रावण की माया में फँसकर
कर गई रेखा पार जानकी सीता जी

लंका जली, अशोक वाटिका भी उजड़ी
बनीं दुष्ट की हार जानकी सीता जी

संशय मिटे सभी का, अग्नि परीक्षा दी
लपटें कीं स्वीकार जानकी सीता जी

राम प्रतिष्ठा को समझा सबसे ऊपर
छोड़ दिया घर-बार जानकी सीता जी

वाल्मीकि आश्रम में लव-कुश को जन्मा
रघुकुल का विस्तार जानकी सीता जी

राघव  को  ही  सौंपे  राघव  के  बेटे
किया जन्म साकार जानकी सीता जी

धरती की बेटी धरती में समा गई
दिया स्वयं को वार जानकी सीता जी

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