थाली पीटी, दीप जलाया फिर भी कोविड
चेहरे पर भी मास्क लगाया फिर भी कोविड
गर्म गुनगुना पानी हर घंटे पीता हूँ
काढ़ा बारम्बार बनाया फिर भी कोविड
सैनिटाइजर की बोतल रखता हूँ संग में
हाथों को मल मल महकाया फिर भी कोविड
नमक गरारे और स्टीम भी अपनाया सब
रोज़ नाक में तेल लगाया फिर भी कोविड
बाबा रामदेव का योगा देख देखकर
खींचा छोड़ा सांस घुमाया फिर भी कोविड
मदिरा वदिरा, सिगरेट विगरेट, तौबा! तौबा!
लेमन वाटर को अपनाया फिर भी कोविड
भिगो भिगोकर मेवा का सेवन करता हूँ
हल्दी वाला दूध चढ़ाया फिर भी कोविड
भंडारे का खाना बिल्कुल बंद किया है
घर का रूखा सूखा खाया फिर भी कोविड
किट्टी, विट्टी और पार्टी बन्द हुये सब
घर में सारा वक़्त बिताया फिर भी कोविड
हैंड शेक को छोड़ नमस्ते करता हूँ अब
चाह कर भी ना हाथ मिलाया फिर भी कोविड
संग गिलोय, नीम और तुलसी की गोली
च्यवनप्राश भी हरदिन खाया फिर भी कोविड
भाप, भाप और भाप बनाकर हरदिन मैंने
सैनिटाइज घर करवाया फिर भी कोविड
बर्तन, कपड़े, कई बार का झाड़ू पोंछा
घर को सुबह शाम चमकाया फिर भी कोविड
कोरोना के नियम पालकर, व्रत रख-रख कर
चेतन जी ने धर्म निभाया फिर भी कोविड
Thursday, May 27, 2021
हर सप्ताह 3.0
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